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PM Surya Ghar Yojana: Solar Power के मामले में तीसरे नंबर पर पहुंचा भारत.... जानिए सरकार की इस स्कीम के बारे में... घटेगा आपका बिजली बिल

रेवा सोलर प्लांट, कुरनूल अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क, भादला सोर पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स और पीएम सूर्य घर जैसी योजनाओं के साथ भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता पहले से काफी ज्यादा बढ़ी है.

PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana

भारत लगातार ग्रीन एनर्जी की दिशा में काम कर रहा है. हमारे देश में सौर और पवन ऊर्जा पर न सिर्फ कमर्शियल बल्कि पर्सनल लेवल पर भी काम हो रहा है. खासकर ज्यादा से ज्यादा नागरिकों से अपने घरों में सोलर प्लांट लगवाने की अपील सरकार कर रही है. इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग-अलग पहल भी कर रही है. इन्हीं पहलों में से एक हैं PM Surya Ghar: Muft Bijli Yojana, जिसके तहत लोगों को अपने घरों में सोलर लगवाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. 

रेवा सोलर प्लांट, कुरनूल अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क, भादला सोर पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स और पीएम सूर्य घर जैसी योजनाओं के साथ भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता पहले से काफी ज्यादा बढ़ी है. हाल ही में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब पवन और सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत ने जर्मनी को इस मामले में पछाड़ दिया है और अब देश सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है. साल 2024 के आंकड़ों के आधार पर यह रैंकिंग की गई है. एम्बर ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू की रिपोर्ट में यह सामने आया है. 

कहीं सोलर विलेज तो कहीं किसान करते हैं बिजली की खेती 
आपको बता दें कि गुजरात के ढूंढ़ी गांव में सौर ऊर्जा की क्रांति की शुरुआत 2015 में हुई थी।. इंटरनेशनल वाटर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की मदद से गांव की सौर ऊर्जा मंडली का उद्घाटन किया गया, जिसकी अगुवाई में गांव में सौर पैनल लगवा दिए गए. गांव में एक पावर स्टेशन भी बनाया गया है, जिसमें बिजली उत्पादन और उसकी बिक्री का पूरा ब्यौरा रखा जाता है.

गांव के किसान मध्य गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को बिजली बेचते हैं. यहां किसानों का दावा है कि साल में किसान लोग एक से डेढ़ लाख रुपए की इमकम कमा लेते हैं. पहले गांव के लोग बिजली के लिए डीजल सेट का इस्तेमाल किया करते थे, जिस पर हर महीने 25 से ₹30,000 का खर्च होता था. लेकिन सोलर पैनल लग जाने के बाद से ये खर्च खत्म हो चुका है. नई सोच, सही मार्गदर्शन और मजबूत इरादा सब एक साथ मिल जाए तो कैसे तस्वीर बदल सकती है, इसकी मिसाल है धूंडी गांव के किसान. 

इसके अलावा, गुजरात का मोढेरा गांव देश का पहला सोलर विलेज है. इस गांव में हर घर की छत पर सोलर पैनल्स लगाए गए हैं, जिससे गांव के सभी घरों में बिजली की आपूर्ति हो रही है. इस परियोजना के तहत दक्षिण कोरियाई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और इसके लिए 69 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. मोढेरा गांव में सोलर पैनल्स की स्थापना से बिजली बिल में 50% की कमी आई है, जिससे गांववासियों को आर्थिक राहत मिली है. मोढेरा गांव में सौर ऊर्जा की कमी न हो, इसके लिए मोढेरा से तीन किलोमीटर दूर सुजानपुरा गांव में भी 12 हेक्टेयर में सोलर पावर प्लांट लगाया गया है, जिसकी क्षमता छह मेगावॉट की है. 

पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'पीएम सूर्यधर योजना' के तहत देशभर में घरों में सोलर पैनल लगावाने पर जोर दिया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य लोगों को फ्री में बिजली मुहैया कराना है। अहमदाबाद के शिला इलाके में स्थित प्रवीण भाई के घर पर 2021 में सोलर पैनल लगाए गए थे, जो कि गुजरात सरकार की सोलर रूफटॉप योजना के तहत थे. इस योजना के तहत प्रवीण भाई को 30% सब्सिडी और केंद्र सरकार से ₹20,000 की सब्सिडी मिली थी. 

प्रवीण भाई का कहना है कि उनके सोलर पैनल से प्रतिदिन 40 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है, जिसमें से 25 यूनिट का उपयोग उनके घर में होता है और 15 यूनिट बच जाती है. इस प्रकार, महीने में 1200 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है और दो महीने में 2400 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है. इससे उनका बिजली बिल लगभग ₹19,000 से ₹20,000 तक फ्री हो जाता है. 

आज पीएम सूर्यघर योजना के तहत लोग सोलर पैनल लगाकर बहुत से लोग न सिर्फ फ्री बिजली पा रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आर्थिक लाभ भी उठा रहे हैं. यह योजना देश और पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है. 

कितनी क्षमता का सोलर प्लांट चाहिए:

  • अगर आपके घर में हर महीने सामान्य तौर पर 0-150 यूनिट बिजली का इस्तेमाल होता है तो आपको 1-2 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट चाहिए. इस पर आपको 30 से 60 हजार रुपए का सब्सिडी सपोर्ट मिलेगा. 
  • अगर आपके घर में हर महीने सामान्य तौर पर 150-300 यूनिट बिजली का इस्तेमाल होता है तो आपको 2-3 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट चाहिए. इस पर आपको 60 से 78 हजार रुपए का सब्सिडी सपोर्ट मिलेगा. 
  • अगर आपके घर में हर महीने सामान्य तौर पर 300 यूनिट से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल होता है तो आपको 3 किलोवाट से ज्यादा क्षमता का सोलर प्लांट चाहिए. इस पर आपको 78 हजार रुपए का सब्सिडी सपोर्ट मिलेगा. 

पात्रता:

  • परिवार भारतीय नागरिक होना चाहिए. 
  • परिवार के पास एक घर होना चाहिए जिसकी छत सौर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त हो.
  • परिवार के पास वैध बिजली कनेक्शन होना चाहिए. 
  • परिवार ने सौर पैनलों के लिए किसी अन्य सब्सिडी का लाभ नहीं उठाया हो. 

ऐसे करें पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिए आवेदन:

स्टेप 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.

स्टेप-2: रजिस्ट्रेशन के लिए ये जानकारी दें-

  • अपना राज्य चुनें
  • अपनी बिजली वितरण कंपनी चुनें
  • अपना बिजली उपभोक्ता नंबर दर्ज करें
  • मोबाइल नंबर दर्ज करें
  • ईमेल दर्ज करें
  • कृपया पोर्टल से दिए गए निर्देशों का पालन करें.

स्टेप-3: कंज्यूमर नंबर और मोबाइल नंबर के साथ लॉगिन करें.

स्टेप-4: फॉर्म के अनुसार रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन करें.

स्टेप-5: ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें.

स्टेप-6: DISCOM से फिजिएबिलिटी एप्रुवल का इंतजार करें. एक बार जब यह एप्रुवल मिल जाए तो अपने DISCOM में किसी भी रजिस्टर्ड वेंडर से प्लांट लगवाएं.

स्टेप-7: प्लांट इंस्टॉल होने के बाद, प्लांट का विवरण जमा करें और नेट मीटर के लिए आवेदन करें. 

स्टेप-8: नेट मीटर की स्थापना और DISCOM के निरीक्षण के बाद, वे पोर्टल से कमीशनिंग सर्टिफिकेट तैयार करेंगे. 

स्टेप-9: एक बार जब आपको कमीशनिंग रिपोर्ट मिल जाए, तो पोर्टल के माध्यम से बैंक खाते का विवरण और एक रद्द चेक जमा करें. आपको 30 दिनों के भीतर आपके बैंक खाते में सब्सिडी प्राप्त हो जाएगी. 

ज्यादा जानकारी के लिए अधिकारिक वेबसाइट- https://pmsuryaghar.gov.in देखें.