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RapidX Train: Namo Bharat रैपिड ट्रेन के लिए कैसे खरीद सकते हैं टिकट, सामान खोने पर कैसे पा सकते हैं वापस, जानिए मुसाफिरों की सेफ्टी की क्या है खास व्यवस्था

India's First Rapid Rail: देश की पहली रैपिड रेल खंड की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. पहले फेज में इसके एक हिस्से यानी 17 किलोमीटर के खंड पर ट्रेन का संचालन होगा. रैपिड ट्रेन को नमो भारत नाम दिया गया है. इसकी रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी.

देश के पहले रैपिड ट्रेन नमो भारत में 21 अक्टूबर से मुसाफिर सफर कर सकते हैं (Photo/Twitter) देश के पहले रैपिड ट्रेन नमो भारत में 21 अक्टूबर से मुसाफिर सफर कर सकते हैं (Photo/Twitter)

देश को पहली रैपिड ट्रेन को नमो भारत के नाम से जाना जाएगा. आम मुसाफिर 21 अक्टूबर से इस ट्रेन में सफर कर सकते हैं. पहले फेज में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया जाएगा. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. इसे दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों से जोड़ा जाएगा. नमो भारत ट्रेन के लिए टिकट कहां से खरीद सकते हैं? अगर ट्रेन में सामान खो गया तो कैसे वापस पा सकते हैं? चलिए आपको बताते हैं.

कैसे खरीद सकते हैं टिकट-
नमो भारत रैपिड ट्रेन के लिए वेंडिंग मशीन और पेपर क्यूआर कोड से टिकट खरीद सकते हैं. इस ट्रेन के लिए टिकट रैपिडएक्स स्टेशनों के टिकट काउंटर से  भी खरीदा जा सकता है. पेपर क्यू-आर टिकट एवं नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को रीचार्ज करने के लिए यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सक्षम टिकट वेंडिग मशीन लगाई गई हैं. यात्री टीवीएम से टिकट खरीदने के लिए बैंक नोट, बैक कार्ड, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड और यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं.

भारत सरकार के 'एक राष्ट्र, एक कार्ड' विज़न के अनुरूप, रैपिडएक्स कम्यूटर कार्ड एक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड है, जो सभी पारगमन प्रणालियों में और जहाँ भी कार्ड से भुगतान संभव है, एक ही कार्ड के उपयोग की अनुमति देता है. आरआरटीएस प्रणाली में संचालन के पहले दिन से यात्रा के लिए किसी भी एनसीएमसी कार्ड का उपयोग करना संभव होगा.

एनसीआरटीसी मोबाइल एप्लिकेशन, रैपिडएक्स कनेक्ट के माध्यम से डिजिटल क्यूआर कोड-आधारित टिकट जनरेट किया जा सकता है. टिकट संबंधी किसी भी समस्या के समाधान के लिए यात्री एएफसी गेट के पास स्थापित ग्राहक सेवा केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं.

स्टेशन पर मुसाफिरों के लिए सुविधाएं-
रैपिडएक्स ट्रेनों में सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन के अंतिम कोच में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर के लिए एक निर्दिष्ट स्थान प्रदान किया गया है. ट्रेन का इंतजार करते समय यात्रियों को बैठने के लिए प्लेटफार्म लेवल पर सीटों की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं. प्रत्येक स्टेशन पर कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पीने का पानी और वॉशरूम की सुविधाएं उपलब्ध हैं.

छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर स्टेशन पर महिला शौचालय में डायपर चेंजिंग स्टेशन की व्यवस्था की गई है. यात्री, स्टेशनों पर बने सूचना डेस्क से ट्रेन सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, ऐसी जानकारी 'रैपिडएक्स कनेक्ट' मोबाइल एप्लिकेशन और रैपिडएक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध होगी. वैकल्पिक रूप से, रैपिडएक्स ग्राहक सेवा केंद्र से 08069651515 पर संपर्क किया जा सकता है.

सभी रैपिडएक्स स्टेशनों पर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है. किसी भी चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति के लिए CATS के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा की भी व्यवस्था की जा सकती है.

कैसे वापस पा सकते हैं खोया सामान-
खोए वस्तुओं के निपटान के लिए एक खोया और पाया केंद्र समर्पित रूप से स्थापित किया गया है. कोई भी खोई हुई वस्तु 24 घंटे के भीतर उसी स्टेशन से प्राप्त की जा सकती है. किसी वस्तु के खोने/पाये जाने की स्थिति में निकटतम आरआरटीएस स्टेशन /ट्रेन के कर्मचारियों से संपर्क किया जा सकता है.

एक समर्पित खोया/पाया केंद्र गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर स्थापित किया गया  है, जो सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होगा. खोई और पाई गई वस्तुओं की जानकारी यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट एप पर भी हासिल कर सकेंगे.

इमरजेंसी के लिए क्या है व्यवस्था-
आपातकालीन स्थिति में स्टेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए यात्री कॉनकोर्स/प्लेटफॉर्म स्तर पर सीधे सहायता कॉल प्वाइंट का उपयोग कर सकते हैं. रैपिडएक्स ट्रेनों के प्रत्येक कोच में यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली प्रदान की गई हैं. इसे ऑपरेट करके ट्रेन ऑपरेटर को समस्या बताई जा सकती है, कर्मचारी शीघ्र ही सहायता प्रदान करेंगे या उचित व्यवस्था करेंगे. यात्री रैपिडएक्स कनेक्ट मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से भी आपातकालीन सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

मुसाफिरों की सेफ्टी के लिए व्यवस्था-
परिचालन के पहले दिन से ही प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) से सुसज्जित होगा. प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स को आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और सिग्नलिंग प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. पीएसडी और ट्रेन के दरवाजे, दोनों बंद होने के बाद ही ट्रेन को चलाया जाएगा. इससे अप्रत्याशित घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाएगा.

पहली बार आरआरटीएस स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा जांच के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-सक्षम डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) का उपयोग किया जा रहा है. यह सिस्टम यात्रियों की स्क्रीनिंग कर किसी भी संदिग्ध वस्तु को स्टेशन तक पहुंचने से रोकने में सहायता करेगा.

स्टेशन के प्रवेश द्वार पर लगे लगेज स्कैनर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस हैं. इन स्कैनरों में एक डुअल-व्यू जनरेटर एक्स-रे बैगेज निरीक्षण प्रणाली है, जो स्कैनर के माध्यम से गुजरने वाले सामान की दोहरी स्क्रीनिंग को सक्षम बनाएगी. जिससे बैग के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों की तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देंगी. अगर किसी यात्री के बैग में कोई संदिग्ध या प्रतिबंधित वस्तु स्कैन की जाती है, तो कन्वेयर बेल्ट स्वचालित रूप से बंद हो जाएगी.

किसके जिम्मे होगी रैपिडएक्स स्टेशनों की सुरक्षा-
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी रैपिडएक्स स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) को सौंपी है और दिल्ली में स्टेशनों पर सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा सुनिश्चित की जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने रैपिडएक्स के लिए गाजियाबाद और मेरठ में एक पुलिस स्टेशन भी होगा. इसके अलावा, स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर एक पुलिस पोस्ट का प्रावधान भी किया गया है.

स्टेशन को सजाया गया है पेंटिंग्स से-
स्टेशन की आंतरिक दीवारों को सुंदर वॉल पेंटिंग्स से सजाया गया हैं. हाथ से बनाई गई इन पेंटिंग्स ने स्टेशन के इंटीरियर को एक जीवंत और आकर्षक वातावरण में बदल दिया है. इन वॉल पेटिंग्स की सुंदरता यात्रियों को उनके व्यस्त जीवन में सुकून के कुछ पल प्रदान करेंगी.

जाम से बचने के लिए व्यवस्था-
स्टेशनों के आसपास के क्षेत्र में भीड़ कम करने और स्टेशन के बाहर ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया गया है. इसके तहत स्टेशन के प्रवेश/निकास को मुख्य कैरिजवे पर बनाने के बजाय इन्हें सड़क के किनारों पर बनाया गया है और इन तक पहुँचने के लिए सड़क के दोनों तरफ एक रास्ता बनाया गया है. गाड़ियों को मुख्य कैरिजवे पर रुकने से रोकने के लिए प्रवेश/निकास गेट के लिए बनाए गए रास्ते में इंट्री भी सर्विस लेन से दी गई है, ताकि मुसाफिर निश्चित मार्ग से ही स्टेशन में प्रवेश करें. इसका उद्देश्य है कि मुख्य सड़कों या राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले यातायात में किसी भी प्रकार की बाधा न आए.

हर आरआरटीएस स्टेशन पर सड़क के दोनों किनारों पर प्रवेश/निकास प्रदान किए गए हैं और स्टेशन तक कनेक्टिविटी और आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए फुट-ओवर ब्रिज की सुविधा भी प्रदान की गई है. इससे न केवल रैपिडएक्स के यात्रियों के लिए पहुंच आसान होगी, बल्कि यात्रियों को व्यस्त सड़कों को सुरक्षित रूप से पार करने में भी मदद मिलेगी.

स्टेशनों के पास भीड़भाड़ से बचने के लिए मुख्य कैरिजवे से दूर, स्टेशनों के प्रवेश/निकास पर अच्छी तरह प्रकाशित, समर्पित पिक-अप और ड्रॉप क्षेत्र बनाए गए हैं. इसके अलावा, यातायात को प्रबंधित करने और स्टेशन के अंदर और उसके आसपास वाहनों की सुचारू और व्यवस्थित आवाजाही के लिए, जहां भी संभव हो, यातायात को एकीकृत करके वाहनों के लिए अतिरिक्त ड्राइव-इन स्थान भी बनाया गया है.

स्टेशन पर पार्किंग की व्यवस्था-
निजी वाहनों से स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए, जहां भी संभव हो, स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है. पैदल यात्रियों के लिए अनुकूल पथ, लिफ्ट/एस्केलेटर, बैठने की जगह और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं स्टेशनों पर सार्वभौमिक पहुंच की सुविधा प्रदान करेंगी.

यात्रा अनुभव में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के महत्व को समझते हुए, एनसीआरटीसी ने स्टेशनो पर फीडर सेवाएं प्रदान करने के लिए दो मोबिलिटी ऑपरेटरों के साथ समझौता किया है, जो आरआरटीएस स्टेशनों से इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा का संचालन करेंगे. भविष्य में, मांग बढ़ने के साथ ये ऑपरेटर आवश्यकतानुसार अन्य बड़े वाहनों की भी व्यवस्था करेंगे.

आसपास के क्षेत्रों में व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए, इन मोबिलिटी पार्टनर्स ने प्रत्येक प्राथमिक खंड के स्टेशनों से अस्थायी मार्गों की रूपरेखा तैयार की है. ये मार्ग लगभग 9 किलोमीटर तक विस्तारित होंगे, जिसमें न केवल राज नगर एक्सटेंशन, जागृति विहार और जीडीए कॉलोनी जैसे शहरी क्षेत्र शामिल होंगे, बल्कि बीकनपुर, मिलक चकरपुर, शाहपुर निज मोर्टा, बसंतपुर सेंथली और अटौर नगला जैसे महत्वपूर्ण ग्रामीण इलाके भी शामिल होंगे.

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