केंद्र सरकार के एक कृषि अनुसंधान संस्थान ने आदिवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए केरल के आदिवासी इलाकों में से एक, अट्टापदी के एक गांव में एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया है. आईसीएआर-सेंट्रल ट्यूबर क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट (CTCRI), तिरुवनंतपुरम ने क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र (RARS), पट्टांबी के सहयोग से हाल ही में 'इंद्रधनुष आहार अभियान' (Rainbow Diet Campaign) नामक कार्यक्रम शुरू किया है.
प्रशासन ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की जिसमें कहा गया है कि अगली में विकसित बायोफोर्टिफाइड कंद फसल (Tuber Crops) किस्मों के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह ICAR-CTCRI का एक फील्ड इंटरवेंशन प्रोग्राम है.
तीन प्रोग्राम के तहत की गई लागू
अधिकारियों ने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर कंद वाली फसलें जैसे नारंगी और पर्पल फ्लैश वाला शकरकंद (विटामिन ए और एंथोसायनिन से भरपूर) और पर्पल फ्लैश वाला रतालू (एंथोसायनिन से भरपूर) को पलक्कड़ के अट्टापदी के शोलायूर और पुलिमाला क्षेत्रों के आदिवासी क्षेत्रों में पेश किया गया. बायोफोर्टिफाइड शकरकंद, कसावा और बाजरा से विकसित खाद्य उत्पादों से ट्यूबर क्रॉप्स रेनबो डाइट तैयार करके पेश की गई. इसका उद्देश्य अट्टापदी में कुपोषण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए संतुलित पोषण प्रदान करना है.
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि वर्तमान में, रेनबो डाइट अभियान परियोजना को तीन विशेष कार्यक्रमों - न्यूट्रीसीड विलेज, स्कूल कनेक्ट कार्यक्रम और कैपेसिटी प्लस के माध्यम से लागू किया जा रहा है. न्यूट्रीसीड विलेज स्कीम के तहत, वायलूर और चित्तूर गांवों के 24 आदिवासी किसान बायोफोर्टिफाइड शकरकंद की किस्मों भु सोना, भु जा, भू कांटी (नारंगी मांस) और भु कृष्ण (बैंगनी मांस) की क्वालिटी प्लांटिग मेटेरियल्स का प्रोडक्शन कर रहे हैं.
ट्यूबर क्रॉप्स पर पोषण जागरूकता अभियान
केरल इंस्टीट्यूट ऑफ लोकल एडमिनिस्ट्रेशन (किला) परिसर में आयोजित एक हितधारकों की बैठक में कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए, आईसीएआर-सीटीसीआरआई के निदेशक डॉ जी बायजू ने कहा कि आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आरएआरएस, पट्टांबी में एक नया सैटेलाइट इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा. बैठक में कम से कम 170 किसानों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया.
स्कूली बच्चों के बीच स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने के लिए नेल्लीपथी बस्ती के मल्लेश्वर विद्यानिकेतन में बायोफोर्टिफाइड कंद फसलों पर पोषण जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बायजू ने स्कूल में बायोफोर्टिफाइड फसलों को बढ़ावा देने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति लागू करने की बात कही. लॉन्चिंग समारोह के बाद, छात्रों ने स्कूल के बगीचे में बायोफोर्टिफाइड शकरकंद की किस्में लगाईं. इस समारोह में करीब 100 छात्रों ने भाग लिया.
ओडिशा में भी लागू होगा अभियान
आईसीएआर-केंद्रीय कंद फसल अनुसंधान संस्थान (सीटीसीआरआई) अपने कंद फसल-आधारित 'इंद्रधनुष आहार' अभियान को देश के अधिक क्षेत्रों में आदिवासी आबादी के साथ विस्तारित करने के लिए कमर कस रहा है.सीटीसीआरआई के अधिकारियों ने कहा कि सीटीसीआरआई चालू वित्त वर्ष में ओडिशा में अभियान शुरू करेगा और 2024-25 के अंत तक उस राज्य के नौ जिलों को कवर करने की योजना है. संस्थान के निदेशक जी. बायजू ने कहा कि पहल का उद्देश्य कुपोषण से निपटने और संतुलित आहार सुनिश्चित करने के लिए आदिवासी समुदायों के बीच बायोफोर्टिफाइड कंद और उनसे बने मूल्य वर्धित उत्पादों को लोकप्रिय बनाना था.