टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा को "भारतीय उद्योग का जनक" माना जाता है. उन्होंने 1868 में सिर्फ 21,000 रुपये से मध्य भारत में एक कपड़ा मिल शुरू की और इसके साथ एक साम्राज्य खड़ा किया. जमशेदजी टाटा के तीन मुख्य उद्देश्य थे- लोहा और इस्पात कंपनी स्थापित करना, हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर उत्पन्न करना और देश में एक विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान बनाना था - तीन स्तंभ जो देश के भविष्य को आकार देंगे.
जमशेदजी टाटा ने जो कुछ भी किया वह देश के कल्याण के लिए किया. इसके साथ ही उन्होंने देश की शान बढ़ाई. भारत के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक - मुंबई में ताजमहल पैलेस - के अस्तित्व में आने की कहानी भी हिंदुस्तान की अस्मिता और अंग्रेजों से बदले की भावना से जुड़ी है.
भारतीय नहीं जा सकते थे होटलों में
जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब भारतीयों को बहुत सी जगहों पर जाने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि "कुत्ते और भारतीयों को अनुमति नहीं है" बताते हुए बोर्ड भी हुआ करते थे. कहानी यह है कि जमशेदजी टाटा के एक विदेशी मित्र ने उन्हें वाटसन होटल में आमंत्रित किया जो उस समय मुंबई का सबसे बेहतरीन होटल था. हालांकि, जमशेदजी को भारतीय होने के कारण अंग्रेज प्रबंधक ने होटल में प्रवेश करने से मना कर दिया था.
जमशेदजी टाटा ने इसे प्रत्येक भारतीय के अपमान के रूप में लिया और एक होटल बनाने का फैसला किया जहां सभी का स्वागत समान रूप से हो. इस तरह 'Diamond by the Sea' - ताजमहल पैलेस का जन्म हुआ. ताज की नींव 1898 में रखी गई थी और होटल के दरवाजे पहली बार 16 दिसंबर 1903 को खुले.
गेटवे ऑफ इंडिया से भी पहले हुई स्थापना
सुनकर शायद अजीब लगे लेकिन ताज पैलेस की स्थापना गेटवे ऑफ इंडिया से भी पहले हुई थी. इसकी नींव के बाद, ताजमहल पैलेस ने भारत के पहले हार्बर लैंडमार्क के रूप में कार्य किया, जिसने जहाज को मुंबई के तट तक आसानी से पहुंचने में मदद की. साथी ही, यह मुंबई की पहली विद्युतीकृत इमारत भी थी. यह अमेरिकी पंखे, जर्मन लिफ्ट, तुर्की बाथरूम और अंग्रेजी बटलर की सेवाओं वाला देश का पहला होटल था.
आज ताज की शान बरकरार है. यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी हॉस्पिटैलिटी कंपनी इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) द्वारा पेश की जाने वाली दुनिया की सबसे भव्य होटल चेन्स में से एक है.
कभी बना था मिलिट्री अस्पताल
ताज होटल का एक लंबा और विशिष्ट इतिहास है, जिसमें राष्ट्रपति से लेकर उद्योग के कप्तान और शो व्यवसाय के सितारों तक कई उल्लेखनीय अतिथि आए हैं. पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी रतनबाई 1929 में अपने अंतिम दिनों में होटल में रहती थीं; उनकी भाभी, सायला टाटा थीं जो टाटा परिवार में जन्मी थीं.
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, होटल को 600 बिस्तरों वाले एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था. ब्रिटिश राज के समय से ही इसे बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है. होटल 2008 के मुंबई हमलों में लक्षित मुख्य स्थलों में से एक था. 2008 के मुंबई हमले के बाद कई उतार-चढ़ाव के बावजूद, ताज लक्जरी होटल चेन आज भी दुनिया के सबसे मजबूत होटल ब्रांड्स में से एक है.