आईआईटी दिल्ली के डीआरडीओ इंडस्ट्री अकादमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (DIA-CoE) ने 'एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डीफीट' (ABHED), बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट विकसित की है. इसे प्रोफेसर नरेश भटनागर और उनकी टीम द्वारा निर्मित किया गया है.
सबसे हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट
यह जैकेट अपने तरह में दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट्स में से एक है और भारतीय मानक (BIS) V और VI के अनुसार एक से अधिक शॉट्स को रोकने की सभी क्षमता मानदंडों को पूरा करती है. इस हल्के वजन की जैकेट के साथ, भारतीय रक्षा बल सीमा क्षेत्र में दुश्मनों के खतरों से अधिक गतिशीलता और दक्षता के साथ सुरक्षा कर सकेंगे.
इस केंद्र ने कई अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास भी किया है, जिनमें हाई पावर डिफ्रैक्टिव ऑप्टिकल एलिमेंट, क्वांटम कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, टेराहर्ट्ज़ टेक्नोलॉजी फॉर स्पेक्ट्रोस्कोपी और इमेजिंग, ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी के दिशा में कॉग्निटिव रोबोटिक्स और एक्सोस्केलेटन शामिल हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा है मुद्दा
DIA-CoE, आईआईटी दिल्ली एक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है जिसमें आईआईटी दिल्ली की अकादमिया, भारत की उद्योग और डीआरडीओ प्रयोगशाला सहयोगी शामिल हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक रक्षा तकनीक पर लगातार ध्यान केंद्रित करते हैं. इस उद्देश्य के तहत लगभग 50 शोध परियोजनाएं पांच प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के तहत शुरू की गई थीं.
आईआईटी दिल्ली के विभिन्न फैकल्टी के नेतृत्व में और कई डीआरडीओ लैबोरेट्रीज के साथ सक्रिय समन्वय में, DIA-CoE 'फील्ड में सैनिक' के लिए कुछ विशिष्ट तकनीकों को संबोधित कर रहा है. इनमें उच्च प्रदर्शन और हल्के वजन वाले बॉडी आर्मर का डिज़ाइन और स्वदेशीकरण, उच्च प्रदर्शन एयरोस्टैट और एयरशिप हल सामग्री, स्मार्ट सोल्जर जैकेट, टेराहर्ट्ज़ टेक्नोलॉजी आदि शामिल हैं.