आईआईटी कानपुर ने एक ऐसा सुसाइड ड्रोन बनाया है, जिसे दुश्मन का रडार भी आसानी से नहीं पकड़ सकता है. ये ड्रोन 100 किलोमीटर के दायरे में दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेगा. ये ड्रोन में 6 किलोग्राम वजनी विस्फोटक ले जा सकता है. एयरोस्पेस डिपार्टमेंट के असिस्टेंस प्रोफेसर सुब्रमण्यम सदराला ने कहा कि इस ड्रोन में स्टॉल्ड टेक्नोलॉजी है. जिसकी वजह से ये दुश्मन की रडार की पकड़ में भी नहीं आएगी. ये ड्रोन अगले 6 महीने में टारगेट डिस्ट्रक्शन ट्रायल के लिए पूरी तरह से तैयार होगी. उन्होंने कहा कि हम इस ड्रोन को डीआरडीओ के डीवाईएसएल प्रोजेक्ट के तहत पिछले एक साल से तैयार कर रहे हैं. इसे तीनों सेनाओं के हिसाब से मॉडीफाई किया जा सकता है.
40 मिनट में 100 किमी के दायरे में तबाही-
ये सुसाइड ड्रोन 40 मिनट के भीतर 100 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद कर देगा. ये ड्रोन बैटरी से चलता है. इस सुसाइड ड्रोन की लंबाई करीब 2 मीटर है. इसे फोल्ड भी किया जा सकता है. इस ड्रोन में कैमरा और इफ्रारेड सेंसर लगे हुए हैं. जिसकी मदद से दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे कैटापॉल्ट या कैनिस्टर से लॉन्च कर सकते हैं. इस ड्रोन की सबसे खास बात ये है कि ये दुश्मनों के इलाके में जीपीएस ब्लॉक होने के बावजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद कर देगा.
दुश्मन का रडार भी नहीं पकड़ सकता-
हाइब्रिड वार के इस जमाने में इस तरह के सुसाइड ड्रोन्स की जरूरत है. ये ड्रोन अपने टारगेट से सिर्फ 2 मीटर ही डेविएट हो सकता है. इस ड्रोन का जल्द ही वॉरहेड के साथ टेस्ट किया जाएगा. इस ड्रोन को स्टेल्थ टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है, ताकि ये दुश्मन के रडार से बच सके.
रात में भी कर सकता है हमला-
ये ड्रोन कम से कम 100 मीटर और अधिकतम 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. इस ड्रोन से किसी भी ऊंचाई से दुश्मन पर हमला किया जा सकता है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसकी मदद से रात में भी हमला किया जा सकता है. प्रोफेसर सदराला ने कहा कि इस ड्रोन को बनाने के लिए डिफेंस कॉरीडोर के तहत मिलने वाली फंडिंग अहम है.
(कानपुर से सिमर चावला की रिपोर्ट)
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