scorecardresearch

SEEPZ Case: सीबीआई की रेड में वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी के घर से मिली.. BMW और Mercedes कार, Rolex और Rado की घड़ियां.. करोड़ों की संपत्ति के कारज भी किए गए बरामद

सीबीआई ने SEEPZ मामले में एक आईआरएस के वरिष्ठ अधिकारी के घर से करोड़ों की संपत्ति के कागज और करोड़ों में ही कीमत रखने वाली गाड़ियां जब्त की. मामला रिश्वतखोरी से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि अधिकारी रिश्वत लेकर कई कामों को दूसरों के लिए आसान बनाते थे.

The CBI arrested three people in connection with the case. The CBI arrested three people in connection with the case.

सीबीआई की जांच में एक वरिष्ठ आईआरएस ऑफिसर चौहान के घर से करोड़ों की लग्जरी कार, रॉलेक्स और राडो जैसी महंगी घड़ियां और कई ऐसे दस्तावेज को करोड़ों की संपत्ति की ओर इशारा करते हैं, बरामद हुए हैं. वरिष्ठ आईआरएस ऑफिसर चौहान का संबंध सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन (SEEPZ) से है. इस मामले में रिश्वतखोरी के आरोप है.

क्या मिला जांच के दौरान
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बीएमडब्लयू और मर्सिडीज जैसी कार, रोलेक्स और राडो जैसी घड़ियां जब्त की गई हैं. अधिकारी के निवास पर सर्च ऑपरेशन तब किया गया जब उनपर रिश्वतखोरी के आरोप लगे, जिसमें SEEPZ के कई अन्य अधिकारी भी मौजूद हैं. जांच के दौरान करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले है. जानकारी के अनुसार ऐसी करीब 27 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं, जिसकी कीमत करोड़ों में लगाई जा रही है.

सीबीआई की जांच में सामने आया कि चौहान समेत अन्य अधिकारी मोटी-मोटी रिश्वत की मांग करते थे, जिसके बदले में वह जगह का आवंटन और कॉन्ट्रैक्टर की मंजूरी जैसी चीजे करवाते थे.

सम्बंधित ख़बरें

कब पड़ा छापा
17 दिसंबर 2024 को SEEPZ ऑफिस का संयुक्त औचछ नीरिक्षण किया गया. यह नीरिक्षण केवल इसलिए किया गया ताकि जो आरोप लग रहे हैं, उनमें कितनी सच्चाई है. इस नीरिक्षण के दौरान SEEPZ ऑफिस पर एक मनोज जोगलेकर नामक युवक मिला. पूछताछ में उसने कबूला कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर रिश्वत लेता था और अपने दफ्तर में रखता था.

जोगलेकर ने छापा मारने आई टीम के सामने कई बैग रखे, जिनमें कई लिफाफे थे. साथ ही लिफाफों को एक-दूसरे से अलग पहचान देने के लिए उनके ऊपर नाम और कोड डाले गए थे. जिन बैग को पेश किया गया उनके अंदर करीब 60 लाख रुपए नकद थे.

क्या अर्थ था लिफाफों के ऊपर कोड का
जांच में पता चला कि लिफाफों के ऊपर 'SM','RR','AC' और 'DDC' नाम के कोड लिखे थे. ये कोड थे संजीव कुमार मीणा, रंजीत रवूल, अनिल चौधरी, और डॉ. वारावंटकर के. जिस लिफाफे के ऊपर RR लिखा था, उसमें से 63,500 रुपए प्राप्त किए गए. 

आगे की जांच में कुल 60 लाख रुपए नकद प्राप्त किए, साथ ही कई अपत्तिजनक सबूत भी मिले. सूत्रों का कहना है कि तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद उन्हें बेल पर छोड़ दिया गया. फिलहाल मामले में जांच जारी है.