
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि किसानों के लिए बड़ी मुश्किल लेकर आई है. गेहूं की फसल तैयार है ऐसे में ओलावृष्टि से बड़े नुक़सान की आशंका है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने किसानों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए. साथ ही किसानों को आगे मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी देने के लिए सिस्टम तत्काल प्रभावी करने के निर्देश दिए.
राहत का कार्य तत्काल प्रभावी किया जाए
यूपी सीएम ने निर्देश दिए हैं कि राहत का कार्य तत्काल प्रभावी किया जाए. बैठक में राहत आयुक्त को निर्देश दिया गया कि फसल के नुक़सान का आकलन करते हुए मुआवज़ा देने की व्यवस्था की जाए. बारिश की वजह से ख़राब हुए गेंहू की फसल को ख़रीदने के लिए यूपी सरकार प्रस्ताव बनाएगी. इसके लिए नियम शिथिल लिए जाएंगे.
छोटे किसानों पर है ज़्यादा संकट
दरअसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेंहू, दलहन और तिलहन की फ़ैसल ख़राब होने का ख़तरा है. छोटे किसानों पर और भी ज़्यादा संकट है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी स्थिति अगले दो तीन दिन तक रह सकती है. ऐसे में सीएम योगी ने बैठक में इस बात के भी निर्देश दिए कि किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी देने के लिए ‘Early warning system’ तत्काल प्रभावी किया जाए. किसी भी तरह की जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता दी जाए.
स्थिति की समीक्षा बैठक के बाद निर्देश -
-प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि की स्थिति के संबंध में राजस्व विभाग के एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है. मार्च माह में प्रदेश के कई क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से किसान और कृषि उपज पर दुष्प्रभाव पड़ा है. ऐसी स्थिति में सरकार किसानों के साथ खड़ी है.
-मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अगले दो-तीन दिन और रहने की संभावना है. इसके लिए सभी आवश्यक सतर्कता प्रबंध किए जाएं. राहत आयुक्त कार्यालय असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल प्रभावित हो, उसका आंकलन कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराएँ
- बैठक के बाद निर्देश दिए गए कि मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराई जाए.मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनियों के बारे में सुदूर गांव तक किसान को टीवी, अखबार व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराएं. यह पूर्वानुमान 24-48 घंटे का हो. ऐसी स्थिति में जबकि लोग अलर्ट होंगे तो क्षति भी कम होगी.
-इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि प्राकृतिक आपदा के कारण यदि किसी की दुःखद मृत्यु होती है, मानव-वन्य जीव संघर्ष से कोई घायल होता है तो बिना विलंब किए, तत्काल पीड़ित परिवार से संपर्क किया जाए. राहत आयुक्त स्तर से आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए.
-बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है. जो फसल पैदा हो रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है. ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद की जानी चाहिए. इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए.
-मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस वर्ष भूसे की कमी हो सकती है. ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए.