Su-30MKI पायलट स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी (Avni Chaturvedi) को जापान में वीर गार्जियन 2023 सौंपा जाएगा. भारत के लिए ये एक ऐतिहासिक पल होगा. भारतीय वायु सेना (IAF) में पहली महिला लड़ाकू पायलट, स्क्वाड्रन कमांडर अवनी चतुर्वेदी, जापान के साथ होने वाले संयुक्त हवाई अभ्यास में भाग लेंगी. अभ्यास का लक्ष्य जापान और भारत के बीच वायु रक्षा सहयोग में सुधार करना है. ऐसा पहली बार है जब इंडियन एयर फोर्स और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएएसडीएफ) साथ में अभ्यास करेंगे.
वीर गार्जियन 2023 जापान में 16 जनवरी से 26 जनवरी तक सयामा इरुमा एयर बेस, ओमितामा हयाकुरी एयर बेस और आसपास के हवाई क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा. यह हवाई अभ्यास तब हो रहा है जब चीन इंडो-पेसिफिक रीजन में अपनी ताकत दिखा रहा है. इस अभ्यास को ही ‘वीर गार्जियन 2023’ नाम दिया गया है. इस अभ्यास के लिए भारत चार सू-30एमकेआई जेट, दो सी-17 एयरक्राफ्ट और 1 आईएल-78 प्लेन भेजेगा, जबकि जापान चार एफ-2 और चार एफ-15 एयरक्राफ्ट शामिल करेगा.
पहले टल गई थी एक्सरसाइज
वीर गार्जियन मूल रूप से 2020 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन इसे COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था. भारतीय और जापानी वायु सेना ने 2019 में द्विपक्षीय लड़ाकू प्रशिक्षण किया था, जिसका नाम भारत में शिन्यू मैत्री रखा गया था. वीर गार्जियन जापान में पारस्परिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है. इस अभ्यास का मुख्य उद्देशय चीन को साफतौर पर यह संदेश देना है कि जापान इस क्षेत्र से भारत को वायु सहायता दे सकता है. जबकि, अगर जरूरत पड़े तो भारत भी हिंद प्रशांत से जापान को पूरी ताकत के साथ आसमान में सहायता कर सकता है.
जापान को पसंद है सुखोई- 30MKI
IAF के सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों ने कथित तौर पर जापान में काफी रुचि पैदा की है और जापानी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.सुखोई-30MKI विमान को लेकर जापान में दिलचस्पी इस तथ्य के कारण है कि पिछली बार 47 साल पहले एक रूसी लड़ाकू जेट पूर्वी एशियाई राष्ट्र में उतरा था, जिससे बड़े पैमाने पर राजनयिक विवाद हुआ था.बता दें कि जब भारत और जापान ने एक संयुक्त हवाई युद्ध अभ्यास करने का निर्णय लिया, तो JASDF ने अनुरोध किया था कि सुखोई-30MKI विमान को वीर गार्जियन 2023 के लिए भेजा जाए, ताकि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में विमान,जो inferior MKM variant का उपयोग करता है के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके.
चीन को कड़ा संदेश
भारत और जापान हाल ही में नवंबर 2021 में मालाबार नौसैनिक अभ्यास का हिस्सा भी थे जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल थे. भारत और जापान ने सितंबर 2021 में पूर्व के तट पर द्विपक्षीय वायु और नौसैनिक अभ्यास JIMEX भी किया था. इस अभ्यास से दोनों देशों के बीच संबंध गहरे होंगे. यह रक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.'वीर गार्जियन-2023' का मकसद दोनों देशों की संयुक्त ताकत के जरिए चीन को ना सिर्फ कड़ा संदेश देना है बल्कि यह क्वाड की मजबूती को लेकर बीजिंग को भी 'सीधा संदेश' होगा. भारत और जापान क्वाड पार्टनर है, जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी साझेदार है. ये एक्सरसाइज कहीं ना कहीं चीन को जरूर बेचैन करेगी क्योंकि वो नहीं चाहता कि दोनों देश साथ आएं.