केंद्र सरकार राजधानी दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बना रही है. इसकी जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 11 जुलाई को हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन (एचटीओए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी. वहीं 2016 में भी नितिन गडकरी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि देश में स्वीडन के सामान एक इलेक्ट्रिक हाईवे का निर्माण होगा.
दुनिया की सबसे लंबी इलेक्ट्रिक हाईवे यहां
वर्तमान में दुनिया का सबसे लंबा इलेक्ट्रिक हाईवे बर्लिन में है. यह इलेक्ट्रिक हाईवे 109 किलोमीटर लंबा है.वहीं अगर सरकार अगर दिल्ली से मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक हाईवे बना लेती हैं तो यह दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे होगा. बता दें कि दिल्ली से मुंबई के बीच ऑन रोड डिस्टेंस 1408 किलोमीटर है.
क्या है इलेक्ट्रिक हाईवे
इलेक्ट्रिक हाईवे एक एनर्जी एफिशिएंट ऑप्शन (ऊर्जा-कुशल विकल्प) है, जो सड़कों पर चलने वाले वाहनों को ओवरहेड पावर लाइनों के जरिए बिजली प्रदान करता है. इलेक्ट्रिक हाईवे के कॉन्सेप्ट को लेकर 2012 में सीमेंस ने लॉस एंजिल्स कंपनी ने एंजिल्स में इलेक्ट्रिक वाहन संगोष्ठी में अपनी ई-हाईवे अवधारणा की घोषणा की थी. जिसके तहत ओवरहेड पावर लाइनों के जरिए बिजली के द्वारा चलने वाले ट्रक शामिल थे.
भारत में कब बनेगा इलेक्ट्रिक हाईवे
भारत में इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले कहा था कि सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 13000 किलोमीटर लंबे इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना बना रही है. इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर ट्रक और बस 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे. केंद्रीय मंत्री गडकरी का यह इलेक्ट्रिक हाईवे का निर्माण कराना ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.