भारत और रूस का ज्वाइंट डिफेंस वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missiles)बनाने में सक्षम है. भारत को पांच से छह साल में पहली हाइपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल मिलने जा रही है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. यह वही मिसाइल है, जिससे पहली बार रूस ने यूक्रेन पर हमला कर उसे तबाह किया था. ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी देश ने जंग के लिए इस एडवांस मिसाइल का इस्तेमाल किया हो.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल राणे ने कहा, "ब्रह्मोस एयरोस्पेस हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सक्षम है, पांच से छह सालों में ब्रह्मोस अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल हासिल कर लेगा. हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस दुनिया का सबसे अच्छा, सबसे तेज, और सबसे शक्तिशाली हथियार है.
क्यों खतरनाक है हाइपरसोनिक मिसाइल
हाइपरसोनिक उन मिसाइलों में से एक है जो आवाज की गति से पांच गुना तेज गति से उड़ते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं और दुश्मन को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य रखती है. हाइपरसोनिक मिसाइल पिछले तीन दशकों से सबसे आधुनिक मिसाइल तकनीक है.
मिसाइल को ट्रैक करना नहीं है आसान काम
इसकी स्पीड इतनी ज्यादा होती है कि इसे आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है. एंटी मिसाइल सिस्टम भी इसे ट्रैक नहीं कर पाते हैं. यह मिसाइल दुश्मन देश की रणनीति के हिसाब से अपनी दिशा में बदलाव कर सकती है. यह आसानी से डिफेंस सिस्टम की पकड़ में नहीं आ सकती है.
भारत हाइपरसोनिक हथियार पर फिलहाल काम कर रहा है. माना जा रहा है कि पांच से छह साल के अंदर भारत को यह मिसाइल हासिल हो सकेगी. भारत के हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमान्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का परीक्षण 20 सेकेंड से भी कम समय में किया गया था.
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