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Monsoon 2024: ला नीना के प्रभाव की वजह से देश में इस साल देखने को मिलेगी झमाझम बारिश...मौसम विभाग ने दी जानकारी

मौसम विभाग ने मानसून को लेकर नया अपडेट जारी किया है. आईएमडी ने जानकारी दी कि इस साल भारत में जमकर बारिश होगी. इस बार मानसून सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

Monsoon Monsoon

भारतीय मौसम विभाग ने आगामी जून से सितंबर के बीच अच्छी बारिश होने की संभावना जाहिर की है.IMD के मुताबिक इस साल का मानसून औसत से ऊपर रहने की उम्मीद है और अगर ऐसा होता है तो इससे कृषि क्षेत्र को काफी फायदा होगा. 

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक पूरे देश में मानसूनी वर्षा की अवधि लंबी रहने वाली है. इस दौरान करीब 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान लगाया गया है, जिसमें सिर्फ 5 प्रतिशत बारिश कम या ज्यादा होने की उम्मीद है.मौसम विभाग के अनुसार इस साल का मानसून सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. साल 1971 से 2020 तक वर्षा के 50 साल के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 87 सेमी यानी 106 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है.एक संवाददाता सम्मेलन में,आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चला है कि भारत में नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसून वर्षा देखी गई जब ला नीना के बाद अल नीनो घटना हुई.

क्या हैं कारण?
इस साल अधिक बारिश होने के कई कारक हो सकते हैं. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा,ऐसे कई अनुकूल कारक हैं जो इस साल जून-सितंबर की अवधि के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की उच्च संभावना का संकेत दे रहे हैं. इनमें से महत्वपूर्ण समुद्री कारक अल नीनो है,जो भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में प्रचलित समुद्री सतह के सामान्य से अधिक तापमान से जुड़ी एक घटना है. यह अत्यधिक गर्मी का कारण बनने और भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा को दबाने के लिए जाना जाता है.

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क्यों होगी ज्यादा बारिश?
मौसम विभाग की मानें तो इस बार अल नीनो के कमजोर पड़ने के बाद मानसून सीजन में ला-नीना का प्रभाव बढ़ेगा. इसका असर ये होगा कि देश में सामान्य से अधिक बारिश होगी. 

कब आता है अल नीनो?
अल नीनो स्थिति तब उत्पन्न होती है जब मध्य प्रशांत महासागर में सतही जल का समय-समय पर गर्म होता है. ये भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ा है.वर्तमान में,भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में मध्यम अल नीनो की स्थिति बनी हुई है.मौसम कार्यालय ने कहा कि लेटेस्ट मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (MMCFS) के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि मानसून के मौसम के शुरुआती भाग के दौरान एल नीनो की स्थिति तटस्थ एल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) की स्थिति में और कमजोर होने की संभावना है.

कब से बदलेगा मौसम
आईएमडी ने एक बयान में कहा कि मानसून सीजन की दूसरी छमाही के दौरान ला नीना की स्थिति विकसित होने की संभावना है.दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत की वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत प्रदान करता है,जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है. देश की जीडीपी में कृषि का योगदान लगभग 14 प्रतिशत है.

किन राज्यों में कम बारिश
वैसे तो अधिकांश इलाकों में सामान्य बारिश रहने का अनुमान है लेकिन उत्तर-पश्चिमी राज्य यानी राजस्थान, गुजरात, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाके और पूर्वोतर के कुछ राज्यों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है. आईएमडी ने कहा कि सामान्य से ज्यादा बारिश लगभग 29 फीसदी (104 से 110%) की संभावना है.