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Shahpur Kandi Dam: क्या है शाहपुर कंडी बैराज प्रोजेक्ट, जो 45 साल से था अटका, अब हो गया है पूरा, जानें Indian और Pakistan में क्या हुआ था जल समझौता

India Pakistan Water Treaty: भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ था. जिसके मुताबिक रावी, सतलुज और ब्यास नदी के पानी पर भारत का अधिकार था. इस समझौते के तहत ही भारत ने रावी नदी पर शाहपुर कंडी बांध बनाया है और पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोक दिया है.

भारत ने रावी नदी पर शाहपुर कंडी बांध बनाया है भारत ने रावी नदी पर शाहपुर कंडी बांध बनाया है

भारत ने रावी नदी के पानी को स्टोर करने के लिए शाहपुर कंडी बांध बना लिया है. यह डैम पंजाब के पठानकोट जिले में है. अब रावी नदी का पाकिस्तान नहीं जाएगा. इस पानी का इस्तेमाल पंजाब और जम्मू-कश्मीर में किया जाएगा. दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) हुई थी. जिसके मुताबिक रावी, सतलुज और ब्यास नदी के पानी पर भारत का अधिकार था. अब भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और रावी नदी का पानी रोक दिया है.

शाहपुर कंडी बांध प्रोजेक्ट-
साल 1979 में पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकारों ने पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए रंजीत सागर बांध (Ranjit Sagar Dam) और डाउनस्ट्रीम शाहपुर कंडी बैराज (Shahpurkandi dam project) बनाने के लिए समझौता हुआ था. साल 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस परियोजना की नींव रखी थी. इसे साल 1998 तक पूरा होने की उम्मीद थी. साल 2001 में रणजीत सागर बांध का निर्माण पूरा हो गया था. लेकिन शाहपुर कंडी बांध नहीं बन पाया. साल 2008 में इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था. लेकिन इसका काम साल 2013 में शुरू हुआ था. लेकिन साल 2014 में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में विवाद के कारण परियोजना फिर से रोक दी गई थी. साल 2018 में दोनों राज्यों में समझौता हो गया. इसके बाद बांध निर्माण का काम शुरू हुआ और अब वो पूरा हो गया है.

परियोजना से फायदा-
शाहपुर कंडी बांध एक बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना का हिस्सा है. इस परियोजना के पूरा होने से रावी नदी का पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा. इस पानी का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर के दो प्रमुख जिलों कठुआ और सांबा को सिंचित करने में होगा. 1150 क्यूसेक पानी से केंद्रशासित प्रदेश की 32 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी. जबकि बांध से पैदा होने वाली बिजली का 20 फीसदी हिस्सा जम्मू-कश्मीर को मिलेगा. इस बांध के बनने से रावी नदी के पानी से जम्मू-कश्मीर के अलावा पंजाब और राजस्थान को भी मदद मिलेगी.

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भारत और पाकिस्तान में क्या है समझौता-
विश्व बैंक की देखरेख में भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. यह समझौता जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी मिलिट्री जनरल अयूब खान के बीच कराची में हुआ था. इस समझौते के तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा हुआ था. इस समझौते के तहत भारत को 19.5 फीसदी हिस्सा और पाकिस्तान को 80 फीसदी हिस्सा मिलता है. हालांकि भारत आवंटित हिस्से का करीब 90 फीसदी पानी ही इस्तेमाल करता है. इस समझौते के तहत सिंधु, झेलम और चिनाब नदी के पानी पर पाकिस्तान का अधिकार है. जबकि रावी, सतलुज और ब्यास नदी के पानी पर भारत का अधिकार है. इस समझौते के तहत ही भारत ने रावी नदी पर बांध बनाया है.

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