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कोरोनाकाल में मदद के लिए प्रवासी भारतीयों ने भेजे 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर

COVID-19 के मामलों और मौतों की गंभीरता को देखते हुए प्रवासियों ने अपने देश में पैसे भेजे हैं. विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी ने देश में परोपकार के लिए पैसे भेजने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की है.

प्रवासी भारतीयों ने देश में भेजे 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रवासी भारतीयों ने देश में भेजे 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर
हाइलाइट्स
  • 2020 में प्रवासी भारतीयों ने भेजे थे 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर.

  • 2022 में  मिल सकते हैं 89.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर.

प्रवासी भारतीयों ने 2021 में 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर भारत भेजे. विश्व बैंक ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. सबसे ज्यादा पैसे अमेरिका से भारत भेजे गए और कुल रकम में इसका योगदान 20 फीसदी है. विश्व बैंक की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत दुनिया में इस लिहाज से पहले नंबर पर है और इस राशि में 4.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुयी है।

विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के बाद चीन, मैक्सिको, फिलीपीन और मिस्र में उनके प्रवासी नागरिकों ने सबसे ज्यादा पैसे भेजे हैं. प्रवासी भारतीयों द्वारा देश भेजी जाने वाली इस राशि में 2022 तक और वृद्धि होने के बाद इसके 89.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. COVID-19 के मामलों और मौतों की गंभीरता को देखते हुए प्रवासियों ने अपने देश में पैसे भेजे हैं. विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी ने देश में परोपकार के लिए पैसे भेजने वालों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की है. ऑक्सीजन टैंक की खरीद सहित इलाज के लिए भी कई लोगों ने पैसे भेजे. 

2022 में  मिल सकते हैं 89.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर

भारत में भेजे जाने वाले पैसों का 2022 में तीन प्रतिशत बढ़कर 89.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. ये कुल प्रवासी स्टॉक में गिरावट को दर्शाता है क्योंकि अरब देशों से लौटने वालों का एक बड़ा हिस्सा वतन वापसी का इंतजार कर रहा है. बैंक ने कहा कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भेजे जाने वाली राशि के 7.3 प्रतिशत बढ़कर 2021 में 589 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंचने का अनुमान है. 

2020 में मिले थे 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर

वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार पैसों का ये रिटर्न पहले की तुलना में ज्यादा है, जब 2020 में COVID-19 के कारण गंभीर वैश्विक मंदी के बावजूद इसमें केवल 1.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. COVID-19 संकट के दौरान आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे परिवारों का समर्थन करने के लिए प्रवासियों ने पैसे भेजने के लिए सरकारी नकद हस्तांतरण कार्यक्रमों का काफी इस्तेमाल किया है. भारत को 2020 में 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा प्रवासियों से मिला था. 

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