

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के आखिरी सेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की. इस सेशन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 पर विस्तार से चर्चा की. सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कानून व्यवस्था, अर्थव्यवस्था और पॉलिटिक्स जैसे मुद्दों पर बातचीत की.
महाकुंभ को लेकर सीएम ने कहा, अवसर सबको जीवन में प्राप्त होता है. उस अवसर से कुछ लोग बिखर जाते हैं. कुछ लोग बन जाते हैं. महाकुंभ का आयोजन 45 दिनों का था. ये मेरे लिए सौभाग्य का अवसर था कि 2019 के कुंभ और 2025 के महाकुंभ के आयोजन करने वाली टीम का हिस्सा था. मुझे देश की जनता और साधु-संतों का अवसर करने का मौका मिला.
जनता ने सिखाया सबक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत के दौरान कहा, जब व्यक्ति इस प्रकार के आयोजन को ड्यूटी समझकर निभाता है और अपनी मजबूरी मानकर चलता है तो बोझ बन जाता है. जब उसका हिस्सा बन जाता है तो उत्सव बन जाता है. मेरे लिए ये महा उत्सव था.
मुख्यमंत्री ने कहा, लोगों के जिस तरह से सवाल आ रहे थे. उससे मेरा अनुमान था कि महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोग आएंगे. जब हमारे कुछ मित्रों ने नकारात्मक टिप्पणी की तो मुझे पता था कि जनता सबक सिखाएगी. जो लोग नहीं भी आना चाहते थे, वो भी जरूर आएंगे.
महाकुंभ का सफल आयोजन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की सफलता को लेकर कहा कि ये टीम वर्क का काम है. 66.30 लाख श्रद्धालुओं का आगमन और सब कुछ सुरक्षित वातावरण में संपन्न हुआ. देश में इस प्रकार के आयोजन को लेकर जो धारणाएं थी, उनका मुंह बंद करने का मौका हमारे पास था. सीएम ने बताया, महाकुंभ ने नकारात्मक टिप्पणी करने वाले लोगों के मुंह पर लगाम लगाने का काम जरूर किया. देश के हर परिवार के 1-2 सदस्य जरूर इसका हिस्सा बना है.
"The truth must come before everyone," Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath speaks on Sambhal issue#EXCLUSIVE #IndiaTodayConclave25 #YogiAtConclave25 | @myogiadityanath @RahulKanwal @GauravCSawant @SwetaSinghAT pic.twitter.com/qUY4pbVG3S
— IndiaToday (@IndiaToday) March 8, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा, महाकुंभ में अमीर-गरीब, जाति और धर्म की खाई भी समाप्त हो गई. कुंभ ने एकता का संदेश दिया है जो पूरी दुनिया ने देखा है. 66.30 लाख लोगों के प्रयागराज में आने पर कोई लूटपाट की घटना नहीं हुई. वे आते हैं और सुरक्षित जाते हैं.
मृत्युकंभ पर क्या बोले?
महाकुंभ को मृत्युकुंभ बताने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, हम लोग इस प्रकार की टिप्पणी सुनने के आदी हैं. दुनिया से आए हुए सनातन धर्मावलंबियों ने कह दिया कि ये मृत्यु नहीं ये मृत्युंजय महाकुंभ है. सीएम ने कहा, उनका जवाब जनता जनार्दन की उपस्थिति ने दे दिया है. मुझे लगता है कि एक लंबे समय तक उन लोगों के लिए भी यह स्मरणीय होगा. उनके पास पश्चाताप के अलावा दूसरा कोई दूसरा चारा नहीं होगा.
धार्मिक पर्यटन का महत्व
योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक पर्यटन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'महाकुंभ ने पांच आध्यात्मिक कॉरिडोर यूपी के अंदर दिए हैं. काशी से मां विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर होते हुए, प्रयागराज से विंध्यवासिनी धाम भी है. पूरे 45 दिनों तक मां विंध्यवासिनी धाम में भी हर रोज 3- 5 लाख श्रद्धालु आए हैं. उन्होंने बताया कि धार्मिक पर्यटन से राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं.
विकास और विरासत का समन्वय
मुख्यमंत्री ने विकास और विरासत को साथ लेकर चलने की बात कही. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2014 में आने के बाद भारत की इस ताकत को पहली बार देश के किसी राष्ट्राध्यक्ष ने इस बात को समझा. आपने इस बात को अनुभव किया होगा कि विरासत को विकास के साथ जोड़ करके अगर हम प्रयास करेंगे तो उसके बहुत अच्छे परिणाम मिल सकते हैं'.सीएम ने बताया कि अयोध्या, काशी और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं.
सुरक्षा और व्यवस्था
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था के बारे में बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'इन 66.30 लाख लोगों के आने पर प्रयागराज में काशी में अयोध्या में या उत्तर प्रदेश के अंदर कोई छेड़छाड़ की घटना नहीं हुई. उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई और सभी श्रद्धालु सुरक्षित रहे.
आर्थिक विकास और निवेश
मुख्यमंत्री ने राज्य में आर्थिक विकास और निवेश के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश ने इन्वेस्टमेंट के लिए अपनी पॉलिसी बनाई है. हम अपनी सेक्टोरियल पॉलिसीज बना कर निवेश को आमंत्रित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राज्य में एफडीआई में वृद्धि हुई है और कई बड़ी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश किया है.