
दिल्ली की सियासत में बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला जब रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. उनकी नई भूमिका पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे, लेकिन इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में उन्होंने इन सभी अटकलों पर खुद ही विराम लगा दिया.
दिल्ली की जनता ही असली बॉस
जब रेखा गुप्ता से पूछा गया कि अचानक मुख्यमंत्री बनाए जाने पर वह क्या सोचती हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ मुझे नहीं, बल्कि देश की सभी बेटियों को सम्मान दिया है. यह एक महिला सशक्तिकरण की मिसाल है."
कॉन्क्लेव के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या दिल्ली की मुख्यमंत्री को कोई नियंत्रित कर सकता है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "किसी नेता को सिर्फ जनता ही कंट्रोल कर सकती है. इसकी चाबी जनता के हाथों में होती है, किसी और के पास नहीं."
शीशमहल में नहीं, जनता के बीच रहकर करेंगे काम
दिल्ली के विकास पर बात करते हुए रेखा गुप्ता ने कहा, "मैं शीशमहल में बैठकर सरकार नहीं चला सकती. हमें जनता ने भरोसे के साथ सत्ता में भेजा है, और हमें उनके लिए काम करना होगा."
उन्होंने बताया कि दिल्ली में हर दिन हजारों लोग रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में आते हैं. उनकी सरकार का लक्ष्य यही रहेगा कि उन्हें सुविधाएं और सुरक्षित माहौल मिले.
बीजेपी के नेता पोस्टर लगाने से सत्ता तक पहुंचे
बीजेपी नेतृत्व के संघर्ष पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के सभी बड़े नेता- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और अन्य जमीनी स्तर से उठकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं. ये वे लोग हैं, जिन्होंने कभी पोस्टर चिपकाए, साइकिल से मीटिंग्स में गए, और मेहनत करके आगे बढ़े."
इस बयान के जरिए उन्होंने संदेश दिया कि पार्टी में किसी को विरासत में पद नहीं मिलता, बल्कि मेहनत के बल पर पहचान बनाई जाती है.
एमसीडी में बड़ा बदलाव?
कॉन्क्लेव के दौरान जब दिल्ली नगर निगम (MCD) में बदलाव की बात छिड़ी, तो उन्होंने रहस्यमयी अंदाज में कहा, "तोड़ने की जरूरत नहीं, वो खुद आने को तैयार हैं." हालांकि, इस बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. क्या दिल्ली की एमसीडी में बड़ा फेरबदल होने वाला है?
जब उनसे पूछा गया कि अचानक सीएम बनने का अनुभव कैसा है, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "नायक फिल्म की नायिका जैसी फीलिंग आ रही है!" उनके इस जवाब पर हॉल तालियों से गूंज उठा.