

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल की यात्रा पर चर्चा हुई. इस विषय पर बात करने के लिए प्रोफेसर वाल्टर एंडरसन शामिल हुए. प्रोफेसर वाल्टर एंडरसन एक पॉलिटिकल एनालिस्ट हैं. प्रोफेसर एंडरसन आरएसस पर स्टडी के लिए जाने जाते हैं.
प्रोफेसर वाल्टर एंडरसन ने आरएसएस पर कई किताबें भी लिखी हैं. इंडिया टुडे कॉनक्लेव में प्रोफेसर एंडरसन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी.
प्रोफेसर एंडरसन ने बातचीत के दौरान कहा, भारत एक जटिल देश है जिसमें विभिन्न भाषाएं और जातियां हैं. आरएसएस का मुख्य उद्देश्य भारत की एकता को बनाए रखना है.
सरकार के साथ संबंध
प्रोफेसर एंडरसन ने आरएसएस और सरकार के बीच के संबंधों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आरएसएस का सरकार के साथ संबंध समय के साथ बदलता रहा है. शुरूआत में सरकार के साथ आरएसएस के रिश्ते अच्छे नहीं थे. प्रोफेसर ने कहा, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उदय के बाद संघ का सरकार के साथ अधिक अच्छा संबंध रहा है. प्रोफेसर ने यह भी बताया कि संघ के भीतर भी विभिन्न मुद्दों पर बहस होती रहती है.
What is the ideology of the Rashtriya Swayamsevak Sangh? Why has the RSS expanded the way it has? American academic Walter K. Andersen responds
— IndiaToday (@IndiaToday) March 8, 2025
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संघ की विचारधारा
आरएसएस की विचारधारा पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर वॉल्टर एंडरसन ने कहा, संघ का मुख्य उद्देश्य भारत की एकता को बनाए रखना है. यह संगठन एक परिवार की भावना को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. प्रोफेसर ने बातचीत के दौरान यह भी बताया कि संघ का ध्यान हिंदू संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने पर है.
संघ में महिलाओं की भागीदारी
आरएसएस में महिलाओं की भागीदारी के सवाल पर प्रोफेसर एंडरसन ने कहा कि आरएसएस मुख्य रूप से एक पुरुष संगठन है लेकिन इसमें महिलाओं के लिए भी एक समकक्ष संगठन है. आरएसएस की कुछ शाखाओं में महिलाएं भी भाग लेती हैं. उन्होंने बताया कि ये शाखाएं विशेष रूप से व्यवसाय से जुड़ी होती हैं.
भविष्य की दिशा
आरएसएस के भविष्य की दिशा पर प्रोफेसर एंडरसन ने कहा, संघ ने अपने 100 साल की यात्रा में बहुत कुछ हासिल किया है. यह न केवल भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है बल्कि इसके विभिन्न सहयोगी संगठन भी देश के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि संघ का ध्यान हमेशा से भारत की एकता और संस्कृति को बनाए रखने पर रहा है. महाकुंभ पर प्रोफेसर वाल्टर एंडरसन ने कहा कि आरएसएस ने हमेशा कुंभ मेले का सपोर्ट किया है.