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नए साल में डिफेंस के क्षेत्र में भारत दिखाएगा ये कमाल, आप भी जानिए

नए साल में तीनों सेना (थल, वायु और नौसेना) में अग्निवीर का पहला बैच तैनात हो जाएगा. थल सेना में पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है, जुलाई 2023 तक तैनाती शुरू होगी. वायु सेना ने 30 दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू किया है. नौसेना में भी अग्निवीरों का प्रशिक्षण चल रहा है.

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हाइलाइट्स
  • सेना के थिएटराइजेशन पर हो रहा है काम

  • सीडीएस बिपिन रावत चाहते थे थिएटटराइजेशन

नये साल में भारतीय सेना और सशक्त होगी. सेना को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने पर सरकार का फोकस है. इसके तहत अग्नि वीरों की ट्रेनिंग जोर शोर से जारी है, तो सेना के थिएटराइजेशन पर भी काम जारी है. जिसके तहत तीनों सेनाओं के 4 कमांड बनने हैं. दरअसल थिएटर कमांड तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने में बेहद कारगर साबित होती है. इससे दुश्मन पर अचूक वार संभव होता है.
ये वो युवा शक्ति है. जो आने वाले वक्त में देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार हो रहे हैं.

अग्निपथ योजना के तहत युवा अग्निवीर बनने के लिए पसीना बहा रहे हैं. थल सेना से लेकर वायुसेना और नौसेना तक में अग्नि वीरों की ट्रेनिंग हो रही है. जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. अग्नि वीरों को तैयार करने के लिए 22 हफ्तों का प्रशिक्षण होगा. इसके बाद 4 महीने की कड़ी ट्रेनिंग होगी. इसके बाद ये युवा अग्निवीर बनकर देशसेवा के लिए तैयार हो जाएंगे और जुलाई 2023 से इनकी तैनाती शुरू हो जाएगी.

सेना के थिएटराइजेशन पर हो रहा है काम
अपनी सैन्य क्षमता का लोहा मनवा रही भारतीय सेना अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव के साथ-साथ आधुनिकीकरण पर भी खास जोर दे रही है. रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर तेजी से काम चल रहा है. सेना के थिएटराइजेशन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की रणनीति, राष्ट्रीय रक्षा रणनीति और उच्च रक्षा संगठन के विकास को लेकर भी भारतीय सेना संकल्पित है. आने वाले समय में सैन्य बदलावों पर तेजी से काम करते हुए सुरक्षाबलों को और मजबूत बनाने पर सरकार का पूरा फोकस है.

सीडीएस बिपिन रावत चाहते थे थिएटटराइजेशन
बता दें कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस बिपिन रावत सेना के थिएटटराइजेशन पर काम कर रहे थे. युद्धों और तकनीकों में हो रहे तेजी से बदलाव को लेकर इसे जरूरी माना गया. सेना के प्लान के मुताबिक- 4 कमांड का गठन होना है. मौजूदा मॉडल के तहत दो लैंड थिएटर कमांड, एक एयर डिफेंस कमांड और एक मैरीटाइम कमांड की स्थापना होनी है. भारतीय सेना के थिएटराइजेशन पर काम जारी है. इस नये साल में और तेजी से सैन्य सुधार होना तय है.  

क्या है थिएटर कमांड सिस्टम का मतलब
इसके पीछे का विचार सशस्त्र बलों की तीन शाखाओं के बीच सहक्रियाशील समन्वय बनाना है. इसका मकसद सेना, नौसेना, वायु सेना के लिए अलग-अलग कमानों को एक ही कमांडर की अगुवाई वाली एकीकृत कमान के तहत लाना है. मतलब ये कि एक ऑपरेशनल हेड जो सैन्य संपत्ति की गतिविधियों को निर्देशित और नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होंगे. थिएटर कमांड सिस्टम संसाधनों के आवंटन पर ज्यादा ध्यान देकर अतिरेक को कम करने में मदद करेगा.

बता दें कि दुनिया भर के 32 से ज्यादा देशों के पास अपने सैन्य बलों के बीच बेहतर एकीकरण लाने के लिए पहले से ही किसी न किसी रूप में थिएटर या संयुक्त कमांड है. भारतीय सेना में भी बेहतर समन्वय के मकसद से इस सिस्टम पर काम चल रहा है. भारतीय सेनाओं का पुनर्गठन करने के पीछे बहुत सारे संस्थानों को पुनर्गठित करने की भी योजना है. सेना अपने गैर-मुख्य कार्यों के लिए आउटसोर्सिंग पर भी विचार कर रही है.