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Indian Air Force Day 2022: भारतीय वायुसेना 90वां स्थापना आज, जानें इस दिन का क्या है महत्व और इतिहास

भारतीय वायुसेना का 90वां स्थापना दिवस आज है. भारतीय वायुसेना पिछले नौ दशकों से, देश के आसमान में एक मजबूत प्रहरी की भूमिका निभाती आई है.इस बार वायुसेना दिवस की खास बात ये है कि पहली बार इसे देश की राजधानी से दूर चंडीगढ़ में मनाया जा रहा है. जानिए ये दिन क्यों है खास और इसका क्या है महत्व..

Indian Air Force Celebrates 90th Raising Day Indian Air Force Celebrates 90th Raising Day
हाइलाइट्स
  • मुख्य कार्यक्रम दिन में 3 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे

भारतीय वायुसेना आज 90 साल की हो गई है. इस सिलसिले में आज चंडीगढ़ में सुखना लेक पर शानदार एयर शो होने जा रहा है. जहां देश के वायुवीर चंडीगढ़ के आसमान पर फाइटर जेट्स से लेकर कॉमबैट हेलिकॉप्टर्स के साथ अपना पराक्रम दिखाएंगे. आइए जानते हैं इस शानदार समारोह की तैयारी कितनी जानदार है, क्या-क्या इस दौरान होने जा रहा है. इस दिन के इतिहास और महत्व को भी जानेंगे कि ये देश के नागरिकों के लिए इतना खास क्यों है.

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू चीफ़ गेस्ट होंगी

वैसे तो चंडीगढ़ में एयरफोर्स डे से जुड़े आयोजन सुबह से ही चल रहे हैं, लेकिन आपको बता दें कि सुखना लेक पर एयर फोर्स डे का मुख्य कार्यक्रम दिन में 3 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा और शाम को करीब 5 बजे तक चलेगा. तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इस मौके पर चीफ़ गेस्ट होंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. इस दौरान शानदार एयर शो होगा. जिसमें वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर शानदार कलाबाजियों का प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि एयर शो में वायु सेना के 80 से ज्यादा लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. इनमें सुखोई-30, मिग-29, जुगआर, राफेल, मिग-29, तेजस, एएन-32,  आइएल-76, सी-17 और सी-130-जे विमान होंगे, तो वहीं प्रचंड, चिनूक, एमआई-17, एमआई-35 औऱ अपाचे हेलिकॉप्टर भी शामिल रहेंगे. इसके अलावा आकाशगंगा, सारंग और सूर्यकिरण की टीमें भी अपना दमखम दिखाएंगी.

सुखना लेक के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई

चंडीगढ़ में एयरफोर्स डे मनाने के साथ ही वायुसेना एक नई परंपरा की शुरुआत कर रही है, जिसके पीछे की वजह बेहद खास है. बता दें कि एयरफोर्स डे के आयोजन के लिए चंडीगढ़ के चुनाव से पहले वायुसेना के विशेषज्ञों को कई सारे फैक्टर्स पर ध्यान देना पड़ा. कई सारी चीजें देखने और कंसिडर करने के बाद चंडीगढ़ फर्स्ट च्वाइस था.

एयर फोर्स डे के आयोजन को देखते हुए चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन और सुखना लेक के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.ताकि, इस कार्यक्रम में किसी तरह की खलल ना पड़े और लोग इसका पूरा आनंद उठा सकें.

आइए एक नज़र डालते हैं भारतीय वायुसेना के इतिहास पर

  • दरअसल भारत की आज़ादी से पहले ब्रिटिश काल के दौरान ही वायुसेना की स्थापना हो चुकी थी. 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी, इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस मनाया जाता है.

  • देश के स्वतंत्र होने से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था. भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को 'रायल' प्रीफिक्स से नवाजा था.

  • हालांकि देश की आजादी के बाद जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया. भारत की वायुसेना इंडियन एयरफोर्स कहलाने लगी.

  • 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना, जिसमें 6 ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था.

  • आज़ादी के बाद से अब तक लड़े गए पांच युद्धों में भारतीय वायुसेना अहम भूमिका निभा चुकी है.

  • इनमें पांच में से चार युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ़ और 1 युद्ध चीन की खिलाफ़ लड़ा गया था.

  • वायुसेना ने करगिल युद्ध के दौरान सेना के साथ मिलकर ऑपरेशन विजय में बड़ी भूमिका निभाई.

  • इसके अलावा वायुसेना ऑपरेशन मेघदूत और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे कई सफ़ल ऑपरेशंस को अंजाम दे चुकी है.

जानिए इस दिन का क्या है महत्‍व

लगभग 1,70,000 पर्सनल और 1,500 विमानों के साथ, IAF संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु है. भारतीय वायु सेना दिवस सभी देशवासियों और वायु सेना की टीम को गर्व और देशभक्ति की भावना से भर देता है. यह दिन राष्ट्र के लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए किए गए बलिदानों की याद दिलाता है. यह युवाओं को वायुसेना का हिस्सा बनने के सपने देखने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.