चीन और पाकिस्तान की अब खैर नहीं है. भारतीय सेना को स्वदेशी एंटी पर्नसल और एंटी टैंक माइंस मिलने जा रहा है. इसे बॉर्डर पर भारत की सुरक्षा में सबसे आगे तैनात किया जाएगा. वैसे किसी भी परिस्थिति में जब विरोधियों को तरफ नापाक साजिश रची जाएगी, इनका इस्तेमाल सबसे पहले किया जाएगा.
7 लाख स्वदेशी 'निपुण' होगा शामिल
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इंजीनियर्स ने एंटी टैंक और एंटी पर्सनल माइंस हमें दिखाया है जिसे बॉर्डर पर तैनात किया जाना है. दुश्मनों को जवाब देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा और दुश्मनों को उनके इलाके में भी खदेड़ने में यह सहायक होगा. अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना 7 लाख स्वदेशी 'निपुण' एंटी पर्सनल मिसाइल जिसमें RDX है, सुरक्षा बेड़े में शामिल कर रही है. उन्होंने बताया कि इसे भारतीय फर्म ने डीआरडीओ(DRDO) के साथ मिलकर तैयार किया है.
'वैभव' और 'विशाल' का चल रहा परीक्षण
दुश्मनों की ताकत देखते हुए इंजीनियर्स की टीम अगली पीढ़ी के एंटी टैंक माइंस 'वैभव' और 'विशाल' का परीक्षण कर रही है. इन अत्यधिक प्रभावी माइंस को डीआरडीओ(DRDO) की तरफ से भारतीय सेना के लिए विकसित किया गया है. इसका ट्रायल अभी एडवांस स्टेज में है. एडवांस डिजाइन और सेंसर्स की वजह से दुश्मनों के टैंक को रोकने की क्षमता है.
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचेगा पानी
सूत्रों के मुताबिक प्रचंड, उल्का, पार्थ, ये कुछ ऐसे माइंस हैं जिसे भविष्य में सुरक्षा बेड़े में शामिल किया जा सकता है. भारतीय सैनिकों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए भारतीय सेना ने हाई हेड वाटर पंप को भी शामिल किया है. इसकी मदद से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को पानी पहुंचाया जा सकेगा. भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि 200 हाई हेड वाटर पंप जिससे पानी और इंधन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचाया जा सके, इसे शामिल किया जा रहा है.