
साहस और पराक्रम के साथ तकनीक का समावेश ही भारतीय सेना को देश की शौर्यगाथा लिखने का मौका देता है. हमारे वीर सैनिकों के इसी समर्पण का सम्मान करने के लिए जम्मू-कश्मीर के अखनूर में 9वें 'वेटरन्स डे' का आयोजन किया गया. जहां सेना के आधुनिक हथियारों और उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. जहां रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के मजबूत कदमों की दस्तक सुनाई भी दी और नई ऊंचाई दिखाई भी दी.
'मैनपैक पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम' का इस्तेमाल
विकास की नई गाथा लिखने में जुटे जम्मू-कश्मीर की राह में सीमापार से बाधा बनने की लगातार साजिशें रची जा रही हैं. कभी ड्रोन के जरिए हथियार-गोला बारूद, तो कभी नशीले पदार्थों की खेप भेजी जाती है. पाकिस्तानी ड्रोन की साजिशों को नाकाम करने के लिए नियंत्रण रेखा पर सेना लेटेस्ट तकनीक ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल कर रही है. 'मैनपैक पोर्टेबल काउंटर ड्रोन सिस्टम' दुश्मन ड्रोन की फ्रीक्वेंसी को जाम कर देता है. जिसके बाद ड्यूटी पर तैनात जवान आसानी से उसे गिरा देते हैं.
'मेक इन इंडिया' उपकरणों की धमक
पाकिस्तान से सटी सीमा पर 'मेक इन इंडिया' उपकरणों की धमक भी सुनाई दे रही है. फिर भी सीमा पार बैठे आतंक के रहनुमा आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते हैं. इसके लिए वे जम्मू-कश्मीर की दुर्गम पहाड़ियों का फायदा उठाते हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए भी मशहूर हैं. यहां चारों तरफ घने जंगल, बर्फ से घिरे पहाड़ और खूबसूरत वादियां हैं.
पर्यटकों के मन को भाने वाले ये ही टेरेन, भारतीय सेना के शूरवीरों के लिए मुश्किल चुनौती साबित होते हैं. तब उनके काम आता है 'एटीवी' यानी ऑल टेरेन व्हीकल. इसका जैसा नाम, वैसा काम, चाहे ऊंची पहाड़ियां हो या ऊबड़-खाबड़ पथरीले रास्त, हिंदुस्तानी का यह सिपाही हथियारबंद जवानों को लेकर फौरन फ्रंट पर पहुंच सकता है.
'फ्लाइंग टॉय' से निगरानी
सीमा पर दुश्मनों की हरकत पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय सेना 'फ्लाइंग टॉय' यानी नैनो ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है. हाल में ही शामिल हुई 6 इंच की 'ब्लैक हॉर्नेट' नाम की इस नैनो ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसका साइलेंट होना है. इसके छोटे साइज और साउंड प्रूफ होने की वजह से जंगल या इमारतों में छिपे आतंकियों या संदिग्धों की पहचान करना बेहद आसान हो जाता है.
डीआरडीओ का कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम 'आत्मनिर्भर भारत' की मिसाल है. किसी भी स्ट्रक्चर के कोने में छिपे टारगेट पर हमला करने की क्षमता ही इसे अनोखा बनाती है. पाकिस्तान का मकसद विकास और शांति की राह पर आगे बढ़ चले जम्मू-कश्मीर की राह में रोडे अटकाना है. हालांकि भारतीय सेना के पास मौजूद अत्याधुनिक हथियार और उपकरण पाकिस्तान के उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.