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बेहतर होगा Army का सर्विलांस सिस्टम, भारतीय सेना लाने जा रही 10,000 Thermal Imaging Devices, दूर से होगी दुश्मनों की मॉनिटरिंग

सेना ने RFI में कहा है कि इसे 3 किलोग्राम से कम वजन का होना चाहिए, हैंडहेल्ड थर्मल इमेजर्स को पोर्टेबिलिटी के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए. यानि इस पोर्टेबल होना चाहिए ताकि सैनिक उन्हें किसी भी क्षेत्र में बिना किसी परेशानी के ले जा सकें और ऑपरेट कर सकें.

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हाइलाइट्स
  • एक बेहतरीन डिवाइस है

  • सैनिक इसे आसानी से अपने साथ ले जा सकते हैं  

भारतीय सेना हर दिन खुद को और बेहतर बना रही है. दुश्मनों को दूर से ही खत्म किया जा सके इसके लिए अलग-अलग डिवाइस लाए जा रहे हैं और खुद को और एडवांस बनाया जा रहा है.  अब इसी कड़ी में अपनी ऑपरेशनल टूलकिट को बेहतर बनाने के लिए एक जरूरी कदम उठाया है. भारतीय सेना 10,000 एडवांस हैंडहेल्ड थर्मल इमेजिंग डिवाइस (HHTI) को लाने की तैयारी में है. इसकी मदद से आर्मी के सर्विलांस सिस्टम को और बेहतर बनाया जा सकेगा

बता दें, सेना ने हाल ही में रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है. इसमें संभावित वेंडर्स के लिए विशिष्टताओं और आवश्यकताओं की रूपरेखा दी गई है. 

कैसे होगा सेना को फायदा?

इन हैंडहेल्ड डिवाइस को शामिल करने के पीछे का पहला उद्देश्य सैनिकों को पर्याप्त दूरी पर प्रभावी ढंग से निगरानी करने की क्षमता के साथ सशक्त बनाना है. इमेजिंग डिवाइस से दिन और रात दोनों समय बेहतर तरीके से सर्विलांस की जा सकेगी. 

गौरतलब है कि इस RFI को सेना की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. इसमें कहा गया है कि इमेजिंग डिवाइस में हर सुविधा एडवांस होनी चाहिए साथ ही सैनिक इसकी मदद से 3000 मीटर तक सर्विलांस भी कर सकें. 

एक बेहतरीन डिवाइस की मांग

सेना ने अपने RFI में कहा है कि इसमें  बेहतरीन थर्मल इमेजिंग की सुविधाएं होनी चाहिए. इसमें हाई-रिजॉल्यूशन ऑप्टिकल व्यूअर से लेकर डिजिटल (लो लाइट), और थर्मल (अनकूल्ड) सेंसर भी शामिल होने चाहिए. इन सुविधाओं की मदद से अलग-अलग मौसम या पर्यावरणीय परिस्थितियों में आसानी से निगरानी की जा सकती है. इतना ही नहीं दुश्मनों को दूर से ही पहचाना और ढूंढ निकाला जा सकता है. 

सैनिक इसे आसानी से अपने साथ ले जा सकें

RFI में सेना ने कई सारी सुविधाओं की बात की है. इसमें कहा गया है कि इमेजिंग डिवाइस में लेजर रेंज फाइंडर्स की मदद से सटीक दूरी पता करने से लेकर डिवाइस के डिजिटल मैग्नेटिक कंपास और स्वदेशी NAVIC सहित इनबिल्ट सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम की बात कही गई है. 

साथ ही कहा है कि इसे 3 किलोग्राम से कम वजन का होना चाहिए, हैंडहेल्ड थर्मल इमेजर्स को पोर्टेबिलिटी के लिए डिजाइन किया जाना चाहिए. इसी पोर्टेबिलिटी की मदद से सैनिक उन्हें किसी भी क्षेत्र में बिना किसी परेशानी के ले जा सकते हैं और ऑपरेट कर सकते हैं. इतना ही नहीं डिवाइस की स्टोरेज को लेकर भी कहा गया है. सेना ने कम से कम तीन घंटे की एसडी वीडियो स्टोर की जाने की बात कही है. ताकि आसानी से फुटेज रिकॉर्डिंग हो सके.