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हर चुनौतियों से निपटने की तैयारी में भारतीय सेना, रिमोट कंट्रोल गाड़ियों के खरीदने की है तैयारी

भारतीय सेना अब हर चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रही है. सेना मानव रहित या रिमोट से चलने वाली गाड़ियों को खरीदने की तैयारी कर रही है. भारतीय सेना ऐसी गाड़ियों पर फोकस कर रही है जिसकी मदद से निगरानी की जा सके और सेना के सामना जितनी चुनौतियां आती है उसे रिमोट कंट्रोल के जरिये गाड़ियों से निपटा जा सके.

रिमोट कंट्रोल गाड़ियों से भारतीय सेना हर चुनौती से निपट सकेगी रिमोट कंट्रोल गाड़ियों से भारतीय सेना हर चुनौती से निपट सकेगी
हाइलाइट्स
  • मानव रहित गाड़ियों को खरीदने तैयारी

  • गाड़ियों की मदद से की जा निगरानी

  • विस्फोटक पदार्थों को नष्ट करने की क्षमता

कश्मीर के ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारतीय सेना बड़ी तैयारी कर रही है. यहां अनमैंड ग्राउंड वीकहल यानि की मानव रहित गाड़ियों या खुद से चलने वाली गाड़ियों को खरीदने की तैयारी की जा रही है. इन गाड़ियों की मदद से निगरानी की जा सकेगी. इसके साथ ही दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने, महत्वपूर्ण आपूर्ति देने और तेजी से निकासी के लिए ऐसे गाड़ियों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है.

250 किलो वजन ढोने की होनी चाहिए क्षमता
15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर चीन के साथ सैन्य संघर्ष और लद्दाख में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना इसकी तैयारी कर रही है. मानव रहित या खुद से चलने वाली गाड़ियों की क्षमता इतनी होनी चाहिए कि वह एक बार में कम से कम 200 से 250 किलो वजन अपने साथ ले जा सके. ऐसी गाड़ियों में मशीन गन भी लगा होना चाहिए. 9 से 14 दिसंबर को बबीना में 12 भारतीय कंपनियां सेना को ऐसी गाड़ियां दिखाएंगी.

एक अधिकारी ने बताया कि डेवलपर्स की तरफ से 30 से अधिक प्रकार की मानव रहित गाड़ियां भारतीय सेना को दिखाई जाएगी. सभी गाड़ियों की अलग-अलग विशेषताएं होगी और सभी गाड़ियों हर तरह की क्षमता से लैस होंगी. सभी गाड़ियां से निगरानी, सामान ढोने, इंटेलिजेंस, अचानक किसी तरह की घटना होने पर सामान और शवों निकासी की जा सकेगी.

हर जगह ऑपरेट होने वाली गाड़ियों की जरूरत
भारतीय सेना जिस वाहन की तलाश कर रही है वह निगरानी करने में सक्षम हो. उसमें लोड करियर होना चाहिए जिससे सामान ढोया जा सके और किसी भी तरह की घटना या हताहत होने पर शवों को निकाला जा सके. भारतीय सेना की जरूरत के अनुसार अनमैंड ग्राउंड वीकहल यानि की मानवरहित गाड़ियों को रेगिस्तान, मैदानी, पहाड़ी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑपरेट किया जा सके. सेना चाहती है कि वाहनों को रिमोट को साथ-साथ ऑटोनोमस यानी की खुद से चलाया जा सके.

विस्फोटक नष्ट करने में हो सक्षम
एक अधिकारी ने बताया कि मानव रहित गाड़ियों का उपयोग विस्फटकों का पता लगाने और तत्काल विस्फोटक पदार्थों को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है. साथ ही यह विस्फोटक रखने में सक्षम होना चाहिए और पहचान किए गए आईईडी के दूरस्थ विस्फोट को अंजाम देने में सक्षम होना चाहिए.