राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन में एक महिला को उसकी शादी के करीब तीन दशक बाद भारत की नागरिक होने का प्रमाणपत्र मिला है. जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने आज खैरुन निसा को शादी के 34 साल बाद भारतीय नागरिकता प्रदान की. पाकिस्तान की रहने वाली खैरुन निसा की शादी झालरापाटन निवासी बदरूद्दीन के साथ हुई थी. लंबे संघर्ष के बाद जब खैरुन निसा को भारतीय नागरिकता मिली, उनकी आखों में खुशी के आंसू निकल गए.
34 साल से एक महिला का भारतीय नागरिकता के लिए किया या संघर्ष आज सफल हो गया जब जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने खैरुन निसा को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र सौंपा. उस वक्त खैरुन निसा की आंखो से खुशी के आंसू छलक पड़े. दरअसल 34 साल पहले पाकिस्तान के कराची की रहने वाली खैरुन निसा की शादी झालावाड़ जिले के झालरापाटन निवासी बदरूद्दीन के साथ हुई थी. शादी के बाद खैरुन निसा भारत की बहू तो हो गई थी लेकिन वो औपचारिक तौर पर भारत की नागरिक नहीं बनी थी.
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पाकिस्तान से झालावाड़ जिले मे शादी कर आई तो खैरुन निसा को यहां की नागरिकता के लिए काफी पापड़ बेलना पड़ा. खैरुन निसा के पति बदरूद्दीन को अपनी शौहर की नागरिकता के लिए सारे जरूरी कागजात तैयार होने के बाद भी लम्बे समय तक जद्दोजहद करना पड़ा. साथ ही भारत में रहने के लिए वीजा के लिए चक्कर लगाना पड़ा. वीजा की मियाद लगातार बढ़ाते रहे. खैरुन निसा को झालावाड़ मे लॉन्ग टर्म वीजा पर रहना पड़ रहा था. इस वीजा को हर दो साल में रिन्यू कराना पड़ रहा था. लेकिन स्थायी नागरिकता नहीं मिल रही थी. इस वजह से इस दंपति को कई बंदिशों का सामना भी करना पड़ रहा था.
अब खैरुन निसा इन तमाम बंदिशों से आजाद हो गई हैं. खैरुन निसा भारतीय नागरिकता की तमाम औपचारिताएं पूरी करते हुए भारत की नागरिक बन गई हैं.
(फिरोज़ अहमद खान की रिपोर्ट)