
भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने बेड़े में एक और ताकतवर युद्धपोत आईएनएस तवाश्य (INS Tavasya) को शामिल किया है. यह युद्धपोत अत्याधुनिक तकनीक और घातक हथियारों से लैस है, जो दुश्मनों के लिए कहर बन सकता है. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से निर्मित यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगा.
भारतीय नौसेना की बढ़ी और शक्ति
आईएनएस तवाश्य भारतीय नौसेना की बढ़ती शक्ति का प्रतीक है. इसे तलवार क्लास के दूसरे युद्धपोत के रूप में लॉन्च किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2019 में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड को दो युद्धपोत बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिनमें से आईएनएस तवाश्य एक है. इस प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया गया था.
आईएनएस तवाश्य की खासियत
1. आईएनएस तवाश्य एक मल्टी रोल स्टील गार्डेड मिसाइल फ्रिगेट है, जिसकी ताकत बेजोड़ है.
2. आईएनएस तवाश्य की लंबाई 125 मीटर है, ड्राफ्ट साढ़े चार मीटर गहरा है और वजन करीब 3600 टन है.
3. यह पानी में 28 नॉट प्रति घंटा की रफ्तार से तैर सकता है और एक बार में 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है.
4. आईएनएस तवाश्य को ऐंटी सबमरीन वारफेयर के लिए डिजाइन किया गया है और यह ऐंटी सबमरीन रॉकेट और टॉरपीडो से लैस है.
5. इस युद्धपोत पर हेलिकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं.
6. आईएनएस तवाश्य में आधुनिक हथियार और हाईटेक सेंसर लगाए गए हैं, जो समंदर में इसकी क्षमता को और बढ़ा देते हैं.
7. आईएनएस तवाश्य घातक मिसाइलों से लैस है, जिसकी मदद से यह दुश्मन के खेमे में खलबली मचा सकता है.
8. तवाश्य स्टील तकनीक से लैस है, जिससे दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं सकते.
स्वदेशी तकनीक का उपयोग
आईएनएस तवाश्य का निर्माण स्वदेशी तकनीक से किया गया है और इसमें इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर उपकरण और हथियार भी भारत में ही बनाए गए हैं. नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए भारत ने रूस के साथ चार फ्रिगेट्स बनाने का समझौता किया था. इनमें से दो रूस में और दो गोवा शिपयार्ड में बनाए जाने थे. रूस में बना पहला फ्रिगेट तुशील नौसेना में शामिल हो चुका है, जबकि दूसरा फ्रिगेट इस साल जून में भारत पहुंच जाएगा.
प्रोजेक्ट 1135.6 का महत्व
प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत बने ये चारों फ्रिगेट जल्द ही भारतीय नौसेना का हिस्सा बन जाएंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत तलवार क्लास के युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है, जो भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाएंगे. आईएनएस तवाश्य का निर्माण इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसके लॉन्च के साथ ही गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने अपना प्रोजेक्ट पूरा कर लिया है. भारतीय नौसेना की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है और त्रिपुट और तवाश्य के भारत में बनने से भारत की आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है. 2047 तक नौसेना को पूरी तरह स्वदेशी बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इस कोशिश में नौसेना का नया युद्धपोत तवाश्य मील का पत्थर साबित होगा. चीन की बढ़ती समुद्री ताकत के बीच भारतीय नौसेना अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही है. भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले नए युद्धपोत नौसेना की ताकत को निखारने के लिए एक बूस्टर डोज की तरह हैं.