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बढ़ेगी भारत की सैन्य ताकत! देश को मिले तीन नए जहाज, INS सूरत… INS नीलगिरी… INS वाघशीर से कांपेंगे दुश्मन 

इन तीनों में से दो लड़ाकू जहाज और एक पनडुब्बी हैं. नौसेना का भी कहना है कि इन्हें इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इन्हें युद्ध जैसे हालात में तो इस्तेमाल किया ही जा सकेगा. खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी और खास अभियानों में भी उपयोग किया जा सकेगा.

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हाइलाइट्स
  • दो लड़ाकू जहाज और एक पनडुब्बी हैं

  • बढ़ेगी भारत की सैन्य ताकत

हिंदुस्तान लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है. इस बीच समुद्री सीमाओं को और मजबूत निगहबानी के लिए और समंदर में युद्ध की क्षमता में इजाफा करने के लिए आईएनएस के तीन नए जहाज भी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए शामिल होने जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में तीन अत्याधुनिक नौसैनिक जहाजों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया है. 

आत्मनिर्भर भारत के लिए मिसाल हैं ये
INS सूरत डेस्ट्रॉयर है, INS नीलगिरी स्टेल्थ फ्रिगेट है जबकि INS वाघशीर सबमरीन है. ये सबसे कम आवाज और बहुमुखी डीजल और इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है. इन तीनों को गोवा के मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है.और ये आत्मनिर्भर भारत के लिए मिसाल हैं.

भारतीय नौसेना के लिए तीनों नौसैनिक जहाज एक महत्वपूर्ण आधार साबित होने जा रहे हैं. इन तीनों नौसैनिक जहाजों का शामिल होना डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और मैरीटाइम सिक्योरिटी में ग्लोबल लीडर बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. 

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दो लड़ाकू जहाज और एक पनडुब्बी हैं
इन तीनों में से दो लड़ाकू जहाज और एक पनडुब्बी हैं. नौसेना का भी कहना है कि इन्हें इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इन्हें युद्ध जैसे हालात में तो इस्तेमाल किया ही जा सकेगा. खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी और खास अभियानों में भी उपयोग किया जा सकेगा.

इन तीनों की खासियत क्या है?
INS सूरत P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और अंतिम युद्धपोत है. दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत विध्वंसकों में से एक है. खास बात ये है कि इसमें 75% स्वदेशी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. ये अत्याधुनिक हथियार, सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क केंद्रित क्षमताओं से पूरी तरह सुसज्जित है. 

जहां तक INS नीलगिरी की बात है, तो ये जहाज P17A स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज है. इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है. ये ज्यादा क्षमता के साथ समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थ युक्त उन्नत सुविधाओं से युक्त है. इसमें मौजूद स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और रडार सिग्नेचर इसे ज्यादा घातक बनाती है. ये स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी का जहाज है. 

INS वाघशीर P75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है. इसका निर्माण पनडुब्बी बनाने में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है. इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है. ये सबमरीन एंटी सरफेस वारफेयर, एंटी सबमरीन वारफेयर में कुशलता से भाग ले सकेगी.

INS सूरत और INS नीलगिरी आधुनिक विमानन सुविधाओं से भी युक्त हैं. ये दोनों दिन और रात के वक्त चेतक, एलएएच, सी किंग, एमएच 60आर समेत कई हेलीकॉप्टरों के संचालन कर सकते हैं. ये तीनों न केवल भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे बल्कि ग्लोबली भारत की समुद्री ताकत और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन भी करेंगे.