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INS Arighat: भारतीय नौसेना को मिलेगी नई परमाणु सबमरीन अरिघात, जानिए क्या है इसकी खासियत

INS Arighat: आईएनएस अरिघात भारतीय नौसेना की अरिहंत क्लास की दूसरी पनडुब्बी है. अरिहंत संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है 'दुश्मन का विनाशक'. अरिघात सबमरीन मौजूदा आईएनएस अरिहंत का समर्थन करेगी जिसे 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.

The INS Arighat, India's second indigenously built SSBN, is currently in the final stages of trials. The INS Arighat, India's second indigenously built SSBN, is currently in the final stages of trials.

भारतीय नौसेना (Indian Navy) गुरुवार को अपने हथियारों के जखीरे में आईएनएस अरिघात (INS Arighat) को शामिल करेगी. यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी है जिसे पूरी तरह स्वदेश में बनाया गया है. यह पनडुब्बी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में नौसेना में शामिल होगी. आईएनएस अरिहंत हिंद महासागर क्षेत्र और भारतीय रूचि के दूसरे इलाकों में गश्त (Patrolling) करेगी. 

क्या है न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात? 
न्यूक्लियर सबमरीन का यह नाम इसलिए नहीं है कि इसमें परमाणु हथियार होते हैं. दरअसल यह पनडुब्बी परमाणु रिएक्टर की मदद से चलती है. परमाणु रिएक्टर से चलने वाली सबमरीन आम सबमरीन से तेज चल सकती है. यहां तक कि यह सतह पर चलने वाले जहाजों की रफ्तार की बराबरी भी कर सकती हैं. आम पनडुब्बियां जहां सिर्फ कुछ घंटों तक ही पानी के नीचे रह पाती हैं, वहीं ये पनडुब्बियां महीनों तक जलमग्न रह सकती हैं. 

आईएनएस अरिघात सबमरीन भारतीय नौसेना की अरिहंत श्रेणी (Arihant Class) की दूसरी पनडुब्बी है. 'अरिहंत' संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है 'दुश्मन का विनाशक'. अरिघात सबमरीन मौजूदा आईएनएस अरिहंत का समर्थन करेगी जिसे 2009 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. भारतीय नौसेना पहले ही दो नावों से लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों का विकास और परीक्षण कर चुकी है. वह जल्द ही तीसरी नाव को शामिल करने की तैयारी कर रही है, जबकि दो और नाव साल 2035-36 तक तैयार हो जाएंगी. 

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भारतीय नौसेना भविष्य में परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह की पनडुब्बियां बनाना जारी रखेगी. भारत के लिए कलवरी क्लास (स्कॉर्पीन) नौकाओं के तहत छह परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की परियोजना पूरी होने में लगभग 25,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. जबकि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के पनडुब्बी सेंटर में बनने वाली पहली तीन पनडुब्बियों में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी. 

क्या है भारतीय नौसेना की योजना?
भारतीय नौसेना ने 24 नई पनडुब्बियों के संचालन की योजना बनाई है. इनमें से छह कलवरी श्रेणी की हैं. छह का निर्माण प्रोजेक्ट 75 इंडिया (Project 75 India) के तहत किया जाएगा. छह परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण के प्रस्ताव को अभी सुरक्षा मामलों की समिति ने मंजूरी नहीं दी है. 

फिलहाल भारत के पास आईएनएस अरिहंत के अलावा रूसी मूल के किलो क्लास और जर्मन मूल के एचडीडब्ल्यू सबमरीन मौजूद हैं. अरिहंत क्लास परियोजना के तहत पांच परमाणु पनडुब्बियों को फिर से बनाने की योजना बनाई गई है जो 24 पनडुब्बी कार्यक्रम से अलग है. अरिहंत क्लास की पनडुब्बियों को 900 अरब भारतीय रुपये (12 अरब डॉलर) की लागत से तैयार किया जा रहा है.