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Brahmos Missiles: थल और वायु सेना के बाद अब इंडियन नेवी करेगी समुद्र तटों पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती, लेकिन क्यों, यहां जानिए

Indian Navy: समुद्री इलाकों में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के तैनात होने से भारतीय नौसेना की और ताकत बढ़ जाएगी. जिन समुद्री इलाकों में चीन और पाकिस्तान से ज्यादा खतरा है, वहां पर ब्रह्मोस को तैनात किया जाएगा.

Brahmos Missiles. Brahmos Missiles.
हाइलाइट्स
  • ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ 1700 करोड़ रुपए का हुआ है समझौता 

  • नौसेना एक साथ जल, जमीन और हवा तीनों दिशाओं में कर सकती है हमला 

अब भारतीय नौसान देश के समुद्री तटों की सुरक्षा के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को तैनात करेगी. पूर्व नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल सतीश एन घोरमाडे ने यह जानकारी दी. ब्रम्होस की तैनाती उन इलाकों में होगी जहां चीन और पाकिस्तान से सबसे ज्यादा खतरा है. कई सफल परीक्षणों के बाद नौसेना ने हाल ही में इन मिसाइलों को समुद्री ठिकानों पर तैनाती के लिए स्वीकृत किया है. 

नौसेना की ताकत में होगी बढ़ोतरी 
रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ 1700 करोड़ रुपए का समझौता किया है. इसके तहत समुद्री तटों के पास नेक्स्ट जेनरेशन मैरीटाइम मोबाइल कोस्टल बैटरी और ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने का फैसला हुआ है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस इनकी डिलीवरी 2027 से शुरू कर देगी. ये बैटरी दुनिया की सबसे तेज और घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों से लैस होंगी. इससे इंडियन नेवी को बहु-दिशात्मक समुद्री हमले में मदद मिलेगी. यानी नौसेना एक साथ जल, जमीन और हवा तीनों दिशाओं में हमला कर सकती है. इससे दुश्मन देशों से कोई खतरा नहीं रह जाएगा. 

दाग सकेंगे क्रूज मिसाइल
क्रूज मिसाइलें आवाज से तेज गति से लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए जानी जाती हैं. नौसेना इन क्रूज मिसाइलों को मोबाइल लॉन्चर के जरिए भी दाग सकती है. इन्हें आवश्यकतानुसार कहीं भी ले जाया जा सकेगा. ये मिसाइलें युद्धपोत और पनडुब्बी से भी दागी जा सकेंगी. 

ये मिसाइल हवा में ही रास्ता बदल सकती है
सी-स्क्रीमिंग तकनीक यानी समुद्र की सतह से नजदीक उड़ान भरने की वजह से इसे दुश्मन रडार देख नहीं पाता. इसके आने की खबर दुश्मन को तब पता चलती है, जब उसे मौत सामने दिख रही होती है. ये मिसाइल हवा में ही रास्ता बदल सकती है. चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देती है. यह किसी भी मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है. इसको मार गिराना लगभग अंसभव है. 

ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
इंडिया के पास रूस के सहयोग से निर्मित एडवांस सुपरसॉनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है. यह 400 किलोमीटर दूर अपने टारगेट को निशाना बनाने में सक्षम है. इसे पनडुब्बी, शिप, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन मौजूद हैं. ब्रह्मोस के लैंड-लॉन्च, शिप-लॉन्च, सबमरीन-लॉन्च एयर-लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग हो चुकी है. जमीन या समुद्र से दागे जाने पर ब्रह्मोस 290 किलोमीटर की रेंज में मैक 2 स्पीड से (2500किमी/घंटे) की स्पीड से अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती है.