रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज युद्धपोत सूरत (यार्ड 12707) और उदयगिरी (यार्ड 12652) का मुंबई के मझगांव बंदरगाह पर लोकार्पण किया. पूरा देश आज इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बना. फ्रिगेट (उदयगिरी) और डिस्ट्रॉयर (सूरत) दोनों ही स्वदेशी जंगी जहाज हैं. दोनों ही युद्धपोत का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है. 'सूरत' (प्रोजेक्ट 15बी डिस्ट्रॉयर) और 'उदयगिरी' (प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट) अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक हैं. इन दो जंगी जहाजों के आने से भारत की समुद्री ताकत में इजाफा हो गया है.
जानें दोनों स्वदेशी जंगी जहाजों की खासियत
इस युद्धपोत का नाम गुजरात के सूरत शहर के नाम पर INS Surat रखा गया है. आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15B का चौथा युद्धपोत है. इसे ब्लॉक निर्माण पद्धति के जरिए बनाया गया है. जिसमें दो अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर पतवार निर्माण शामिल हैं. सूरत डिस्ट्रॉयर है यह फ्रिगेट (उदयगिरी) की तुलना में डेढ़ गुना बड़ा है. डिस्ट्रॉयर एक साथ कई रोल निभा सकता है यानि एंटी सबमरीन, एंटी शिप या एंटी एयरक्राफ्ट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस वॉरशिप में सरफेस टू सरफेर और सरफेस टू एयर हमला करने वाली मिसाइलें लगी होती हैं. इसमें सर्विलांस रडार पिट होता है जो टारगेट का डाटा सीधे वॉरशिप के वैपेन सिस्टम को भेजता है. इससे पानी के अंदर भी दुश्मन पर स्ट्राइक करने की क्षमता है.
Attended the launch ceremony of two indigenous frontline warships - Surat (Guided Missile Destroyer) & Udaygiri (Stealth Frigate) - in Mumbai today.⁰
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 17, 2022
These warships project India’s strategic strength and self-reliance prowess to the world. Read on..https://t.co/N5oWACTTzW pic.twitter.com/UscvCajqF4
उदयगिरि, आंध्र प्रदेश में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट का तीसरा युद्धपोत है. यह जंगी जहाज उदयगिरी के पिछले संस्करण का दूसरा रूप है. यह उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है. यह तेज गति से दुश्मनों को चकमा दे सकता है. इसकी खासियत यह है कि बिना दुश्मन की रडार में आए ही यह अपने काम को अंजाम दे सकता है.