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रेलवे अब पैसेंजर्स को सिखाएगा ट्रेन में सफर करने का सलीका, सहयात्री हुए तंग तो लिया जाएगा एक्शन

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की काफी शिकायतें मिल रही थीं लेकिन अभी तक इस बारे में कोई नियम नहीं था. अब इस तरह की शिकायत मिलने पर रेलवे दूसरे यात्रियों की सुविधा में बाधक बन रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगा.

रेल में सफर कर रहे यात्री (फाइल फोटो) रेल में सफर कर रहे यात्री (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • यात्री सुविधा का ध्यान रखते हुए रेलवे ने लिया बड़ा फैसला.

  • ट्रेनों में यात्रियों को सलीका सिखाने के लिए चलाई जाएगी मुहिम.

भारतीय रेल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है. 12.27 लाख कर्मचारियों के साथ, भारतीय रेलवे दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी व्यावसायिक इकाई है. भारतीय रेल रोजाना 231 लाख यात्रियों और 33 लाख टन माल ढोती है. तमाम सुविधाओं के बावजूद कई बार ट्रेन में सफर करने के दौरान लोगों का अनुभव अच्छा नहीं होता. कई बार कोई यात्री ट्रेन में अपने मोबाइल पर तेज आवाज में गाने सुनते रहते हैं तो कोई यात्री तेज आवाज में फोन पर बातचीत करने लगते हैं.  कहीं दो तीन यात्री तेज आवास में एक-दूसरे से चर्चा और बहस करने लगते हैं. तो कोई यात्री देर रात तक लाइट ऑन रखते हैं. ऐसे पैसेंजर्स को ट्रेन में सफर करने का तरीका सिखाने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के नाम एक चिट्ठी भेजी है. 

रेलवे बोर्ड ने देश के सभी 17 रेलवे ज़ोन के प्रिंसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर को आदेश दिया है कि वो अपने-अपने ज़ोन में चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को सलीका सिखाने के लिए मुहिम चलाएं. रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार ट्रेन में चलने वाले टिकट चेकिंग स्टाफ, आरपीएफ़ इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल सभी स्टाफ़ को इस बात की ट्रेनिंग दी जाएगी कि वो आम यात्रियों की परेशानी का कारण बन रहे यात्रियों को विनम्रतापूर्वक समझाएं कि वो दूसरे यात्रियों को डिस्टर्ब न करें.  दरअसल रेलवे के पास विभिन्न माध्यमों से लगातार यात्रियों की शिकायतें आ रही थीं जिसके बाद ये फैसला लिया गया है.  

रेलवे का बड़ा फैसला

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस तरह की काफी शिकायतें मिल रही थीं लेकिन अभी तक इस बारे में कोई नियम नहीं था. अब यात्री सुविधा का ध्यान रखते हुए ये बड़ा फैसला लिया गया है. अब इस तरह की शिकायत मिलने पर रेलवे दूसरे यात्रियों की सुविधा में बाधक बन रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगा. इतना ही नहीं ट्रेन स्टाफ की जवाबदेही भी तय की जा सकती है.  

कई लोगों ने शिकायत की थी कि रेलवे स्टाफ़ रूखा बर्ताव करते हैं. रेलवे ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि ये मैनर्स सिर्फ यात्रियों को ही नहीं बल्कि रेलवे स्टाफ को भी सीखना होगा. स्टाफ को यात्रियों के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए. इस संबंध में रेल मंत्रालय ने सभी जोनों को आदेश जारी कर दिया है. सभी जोनल रेलवे को कहा गया है कि इस निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू करें. साथ ही कहा गया है कि इस बात का ध्यान रखें कि इस चक्कर में यात्रियों का उत्पीड़न न हो. रेल कर्मचारी 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, विकलांगों, मरीजों और अकेले यात्रा कर रही महिलाओं की जरूरत पड़ने पर मदद करेंगे. 

रात 10 बजे के बाद ट्रैवल करने की गाइडलाइंस

*यात्री तेज आवाज में फोन पर बात नहीं करेंगे या तेज म्यूजिक नहीं सुनेंगे कि सहयात्रियों को परेशानी हो.  
*नाइट लैंप को छोड़कर सभी लाइटें रात में बंद रहेंगी.  
* ट्रेन में देर रात तक बात नहीं कर पाएंगे. 
*चेकिंग स्टाफ, आरपीएफ के जवान, इलेक्ट्रीशियन, कैटरिंग स्टाफ और मेंटेनेंस स्टाफ रात में अपना काम शांतिपूर्वक करेंगे ताकि लोगों को परेशानी न हो.