मनुष्य को इस धरती पर जीवित रहने के लिए कुछ प्राकृतिक चीजों की ज़रूरत होती है, जिस में हवा और पानी सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे में पानी मनुष्य के जीवन में कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाज़ा सभी को है, लेकिन इसके बावजूद प्रतिदिन पानी की काफी ज्यादा मात्रा में बर्बादी होती है और लोगों को पानी की कमी का भी सामना करना पड़ता है. वहीं पिछले कुछ समय से मुंबई में भी पानी की किल्लत से जुड़ी समस्या सामने आयी है. मुंबई में इस वजह से लोगों को पानी में कटौती का सामना भी करना पड़ रहा है. इस समस्या को सुलझाने के लिए अलग अलग तरीक़े भी अपनाए जा रहे हैं. ऐसे में अब मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर और सेंटर रेलवे के 5 और रेलवे स्टेशनों पर पानी अलग तकनीक से उप्लब्ध कराने की तैयारी है. इस तकनीक से हवा की मदद से पानी को पैदा किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र से मिल चुकी है मान्यता
मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर कुछ समय बाद हवा की मदद से पानी निकालने वाली मशीन को लगाया जाएगा. इस यंत्र का नाम मेघदूत दिया गया है. जल्द ही इस यंत्र की मदद से पानी को हवा की मदद से निकाला जाएगा. जिसके बाद रेल यात्री इस अनोखे यंत्र से पानी पीने का लाभ उठा पायेंगे.
बता दें कि मेघदूत एक ऐसा यंत्र है, जो संक्षेपण के विज्ञान का उपयोग करके परिवेशी वायु से पानी निकालता है. इस यात्रा को AWG भी कहा ज़ाता है. साथ ही इस यंत्र को संयुक्त राष्ट्र की भी मान्यता प्राप्त है.
17 मेघदूत AWG को लगाया जाना है
इस अनोखे यंत्र को मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया गया है और मध्य रेलवे द्वारा मुंबई मंडल में ऐसे 17 मेघदूत AWG को लगाया जाना है. यह यंत्र मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और दादर में लगाए जाएंगे. साथ ही , ठाणे में भी 4 यंत्र लगाए जाएंगे. कुर्ला, घाटकोपर और विक्रोली में एक-एक यंत्र लगाने का रेलवे का प्लान है.
1000 लीटर पानी का उत्पादन करता
यह यंत्र हवा से स्वच्छ जल बनाने में अनोखी तकनीक का उपयोग करता है. ये टेक्नोलॉजी विभिन्न प्रकार के पर्यावरण तापमान (18 डिग्री सेल्सियस - 45 डिग्री सेल्सियस) और सापेक्ष आर्द्रता की स्थिति (25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत) में काम करती है. डिवाइस चालू होने के कुछ घंटों के भीतर पानी देना शुरू कर देता है और एक दिन में 1000 लीटर पानी का उत्पादन करता है.