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Indian Railways: कुछ ट्रेनों में क्यों लगा होता है जनरेटर कार, जानिए क्यों जरूरी है पैंट्री कार

Indian Railways News: अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं तो कई बार आपने देखा होगा कि ट्रेन के आगे जनरेटर कार लगा है. कई लोग समझ नहीं पाते हैं कि आखिर ये ट्रेन में क्यों होता है. इतना ही नहीं, कई बार ये भी देखा जाता है कि किसी ट्रेन में पैंट्री कार है तो किसी ट्रेन में नहीं. इसके पीछे भी बड़ी वजह है.

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हाइलाइट्स
  • लंबी दूरी की ट्रेनों में होती है पैंट्री कार

  • LHB कोच वाले ट्रेनों में होता है जनरेटर कार

आमतौर पर कई बार अपने देखा होगा कि कई ट्रेनों में जनरेटर कार लगी होती है. ऐसा हर ट्रेन में नहीं होता है. लेकिन कुछ ट्रेनों में जनरेटर होता है. जनरेटर लगे होने के पीछे एक बड़ी वजह है. LHB यानी लोड जनरेशन सिस्टम कोच जिस ट्रेन में इस्तेमाल होता है, उसमें जनरेटर कार लगाया जाता है.

जनरेटर कार किस ट्रेन में होती है-
पहले के ICF कोच में बिजली की सप्लाई कोच के नीचे लगे अल्टरनेटर से होता है. इन्हें सेल्फ पॉवर जनरेटिंग कोच भी कहते है.
अगर बात LHB कोच की जाए तो इसमें सेल्फ जनरेशन पावर की व्यवस्था नहीं है. पूरी ट्रेन में पावर की सप्लाई देने के लिए जनरेटर कार की जररूत होती है. एक ट्रेन में एक जनरेटर कार से काम नहीं चलता तो आपात स्थिति से निबटने के लिए एक स्टैंड-बाई पावर कार भी लगानी पड़ती है. इस तरह हर LHB रेक के आगे और पीछे एक-एक पावर कार लगी हुई दिखती है. ऐसी व्यवस्था को एंड-ऑन जनरेशन कहते हैं.

ट्रेनों में पैंट्री कार क्यों होते है-
पैंट्री कार रेलवे प्रणाली का सबसे अहम हिस्सा है. यात्रियों के लिए उनकी सुविधा के लिए भोजन की व्यवस्था का अरेंजमेंट पैंट्री कार से किया जाता है. असल में पैंट्री कार को आप इस तरह भी समझ सकते है कि मुसाफिरों के खाने-पीने का रखने का स्थान. आजकल पैंट्री कार में स्कोर की भी व्यवस्था दी जाती है.

किन ट्रेनों में होते हैं पैंट्री कार-
लम्बी दूरी की ट्रेनों में पैंट्री कार होती है. एक्सप्रेस, पैसेंजर, राजधानी, शताब्दी जैसी ट्रेनों में पैंट्री कार होते हैं. जिन ट्रेनों का सफर 4 से 6 घंटे का होता है, उसमें पैंट्री कार नहीं जोड़ा जाता है.

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