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Indian Railway: भारत में बनी एलुमिनियम रैक वाली पहली मालगाड़ी, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी, जानिए खासियत

भारतीय रेलवे ने एक नई पहल करते हुए मलगाड़ी में स्टील की जगह एल्युमिनियम के रैक बनवाए हैं. इस ट्रेन को रविवार को हरी झंड़ी दिखाई गई. बताया जा रहा है कि इस पहल से ईंधन की बचत होगी.

 India’s first indigenous Aluminium Freight Train India’s first indigenous Aluminium Freight Train
हाइलाइट्स
  • एल्युमिनियम रैक का प्रति क्विंटल कार्बन फुटप्रिंट कम है

  • स्टील रैक की तुलना में 3.25 टन हल्के हैं एल्युमिनियम ट्रेन

भारतीय रेलवे हर दिन खुद को बेहतर करने की कोशिश के लिए जाना जाता है. हाल ही में, रेलवे में फिर एक नवाचार किया गया है. दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखा कर देश की पहली एल्युमिनियम के डिब्बों वाली मालगाड़ी को रवाना किया है. 

मालगाड़ी में ज्यादातर स्टील के रैक होते हैं लेकिन अब एल्युमिनियम के रैक बनाने पर जोर दिया जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि यह काम Make in India अभियान के तहत हुआ है. 

इन कंपनियों की मदद से बनाया
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेस्को लिमिटेड वैगन डिविजन और एल्युमिनियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंडाल्को के सहयोग से इन रैक्स को बनाया गया है. रैक का वजन कम होने के साथ-साथ इसका प्रति क्विंटल कार्बन फुटप्रिंट भी कम है. 

अधिकारी ने कहा कि एल्युमिनियम रैक सामान्य रैक की तुलना में 10 साल ज्यादा चलेगा. इसका मेंटेनेंस भी कम है. इसमें जंग लगने का रिस्क नहीं है.  इसकी रीसेल वैल्यू भी 80 प्रतिशत तक है. हालांकि, ये रैक मौजूदा स्टील रैक से 35 फीसद महंगे हैं. ये एलुमिनियम रैक अपने पूरे सेवा काल में करीब 14,500 टन कम कार्बन उत्सर्जन करेगा।

होगी ईंधन की बचत
ये रैक मौजूदा स्टील रैक की तुलना में 3.25 टन हल्के हैं. जिसकी वजह से यह 180 टन ज्यादा भार ढोने में सक्षम है. एल्युमिनियम रैक ईंधन की भी बचत करेगा. इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा. 
 
गौरतलब है कि यह डिब्बे खास तौर से माल ढुलाई के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इसमें स्वाचलित स्लाइडिंग प्लग दरवाजे लगे होते हैं और संचालन के लिए लॉकिंग व्यवस्था के साथ ही, एक रोलर फ्लोर सिस्टम से लैस होते हैं.