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Indian Railway Passenger Rules: ट्रेन में करते हैं सफर, तो रेलवे के इन नियमों को जानना आपके लिए है बेहद जरूरी

आज हम रेलवे के नियमों की जानकारी दे रहे हैं जो यात्रा के दौरान आपके लिए बेहद काम की साबित हो सकती हैं और सफर के दौरान आपको परेशानी से भी बचा सकती हैं. आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं.

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हाइलाइट्स
  • जानिए ट्रेन छूट जाने पर क्या है रेलवे के नियम

  • टिकट चेक करने के लिए रात मे नहीं जगा सकता टीटीई

भारतीय रेल (Indian Railways) को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. वजह यह है कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना ट्रेनों के सफर करता है. रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कई नियम भी बनाए हैं. जिसकी जानकारी शायद हर पैसेंजर्स को नहीं होती. आज हम रेलवे के नियमों की जानकारी दे रहे हैं जो यात्रा के दौरान आपके लिए बेहद काम की साबित हो सकती हैं और सफर के दौरान आपको परेशानी से भी बचा सकती हैं. आइए उन नियमों के बारे में जानते हैं.


सफर के दौरान रात में अकेली बिना टिकट महिला या बच्चे को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता
कभी-कभी देखा जाता है कि जल्दबाजी या अन्य किसी कारण से कोई महिला या कोई नाबालिक बच्चा बिना टिकट ट्रेन में सवार हो जाता है. ऐसे मे भारतीय रेल के नियमों के मुताबिक अगर कोई अकेली महिला या अकेला बच्चा रात के समय ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा है. टीटी उसे रात के समय ट्रेन से नहीं उतार सकता. ऐसा करने पर संबंधित महिला, रेलवे अथॉरिटी से संबंधित टीटी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है.

टिकट चेक करने के लिए रात मे नहीं जगा सकता टीटीई
रेलवे के नियमों के मुताबिक रात में सफर के दौरान टीटीई आप को जगा कर आपका टिकट चेक नहीं कर सकता. रेल के नियम के अनुसार रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक आप आराम की नींद ले सकते हैं लेकिन यह नियम उन यात्रियों के लिए लागू नहीं होता है जिन्होंने रात मे ट्रेन में बोर्ड किया है.

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक खोल सकते हैं मिडिल सीट
ट्रेन में सफर के दौरान स्लीपर क्लास 3 एसी क्लास के यात्रियों को मिडिल बर्थ को लेकर यात्रियों के सामने काफी समस्या बनी रहती है. लेकिन रेलवे ने मिडिल बर्थ को खुलने और इसके इस्तेमाल को लेकर भी नियम बनाए हैं. नियमों के मुताबिक रात में 10:00 से सुबह के 6:00 बजे तक मिडिल सीट को खोला जा सकता है. बाकी के समय में अगर कोई यात्री इसे खोलने की बात कर रहा है तो आप इसकी शिकायत रेलवे अथॉरिटी को कर सकते हैं. इसी तरह अगर रात के 10:00 से सुबह के 6:00 बजे के बीच कोई सहयात्री सीट को खोलने नहीं दे रहा है तो भी आप इसकी शिकायत रेलवे अथॉरिटी से कर सकते हैं.

जानिए ट्रेन छूट जाने पर क्या है रेलवे के नियम
अगर किसी कारण से आपकी ट्रेन छूट जाती है या आप अपने निर्धारित बोगी में ना चढ़कर किसी दूसरी बोगी में सवार हो जाते हैं और अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाते हैं तो ऐसी स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है. टीटीई आपकी सीट को किसी अन्य यात्री को अलॉट नहीं कर सकता है. टीटी अगले कुछ स्टेशनों तक आपका इंतजार करेगा. हालांकि अब तो लगभग सभी ट्रेनें इंटरकनेक्टेड होती हैं. ऐसे में आप अगर दूसरी बोगी में भी सवार होते हैं तो ट्रेन के अंदर से अपनी सीट तक पहुंच सकते हैं. लेकिन किसी कारणवश आप को ट्रेन के अंदर से अपनी सीट तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है तो आप अगले स्टेशनों पर अपनी बोगी में सवार हो सकते हैं.

अपनी जर्नी को कर सकते हैं एक्सटेंड
यात्रा के दौरान अगर आपके शेड्यूल में अचानक बदलाव होता है और आपको अगले स्टेशनों तक जाना है तो रेलवे के नियमों के मुताबिक आप टीटीई से बात कर अपना टिकट एक्सटेंड करवा सकते हैं.

रात में यात्रा के दौरान मोबाइल पर नहीं सुन सकते गाना या देख सकते वीडियो
रेल यात्रा को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे का यह नियम है कि रात में आप स्पीकर फोन पर बात करने के साथ-साथ मोबाइल में किसी तरह का ऑडियो या वीडियो नहीं प्ले कर सकते हैं. यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सहयात्रियों की नींद में खलल ना पड़े.

ट्रेन में यात्रा के दौरान लगे संबंधित नियम 
यात्रा के दौरान अपने साथ में लगेज ले जाने के संदर्भ में भी रेलवे ने नियम निर्धारित किए हैं. इन नियमों के मुताबिक पैसेंजर ट्रेन में सफर के दौरान 40 से 70 किलोग्राम तक सामान लेकर यात्रा कर सकते हैं. अगर आप इससे अधिक सामान लेकर के यात्रा कर रहे हैं तो आपको अलग से इसका शुल्क जमा करना होगा. रेलवे नियमों के मुताबिक कोच के हिसाब से सामान का वजन अलग-अलग निर्धारित किया गया है. पैसेंजर स्लीपर क्लास में अपने साथ 40 किलोग्राम तक का सामान ले जा सकते हैं वही सेकंड एसी में 50 किलो और फर्स्ट एसी में 70 किलो तक सामान ले जाने की छूट है.

यात्रा के दौरान सुरक्षा बल के जवान नहीं कर सकते टिकट की चेकिंग
अक्सर इस तरह की शिकायतें आती रहती हैं कि ट्रेन को एस्कॉर्ट कर रहे जीआरपी या आरपीएफ के जवानों ने फला यात्री से टिकट चेक किया और टिकट नहीं होने पर उनके साथ बदसलूकी की. लेकिन रेलवे के नियमों के मुताबिक आरपीएफ व जीआरपी के किसी भी जवान को यह अधिकार नहीं है कि वह यात्रियों से उनके टिकट के बारे में पूछताछ करें. अगर यात्रा के दौरान इस तरह का वाकया आपके साथ होता है तो आप रेलवे अथॉरिटी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं.