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कोहरे के मौसम में ट्रेनों की देरी से बचने के लिए भारतीय रेलवे का नया कदम,अब कोहरे की वजह लेट नहीं होंगी ट्रेन

अब कोहरे की वजह से ट्रेन लेट या कैंसिल नहीं होगी. कोहरे के मौसम में ट्रेनों के संचालन के लिए सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा उठाया है.

Indian Railways Indian Railways

हर साल कोहरे की वजह से ट्रेन कैंसिल होती हैं तो कई बार कोहरे की वजह से ट्रेन के परिचान में भी दिक्कत आती है. ऐसे में भारतीय रेल ने इस बार यात्रियों को सुविधा का ध्यान रखते हुए कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसकी वजह से इस बार कोहरे की वजह से ट्रेन लेट या कैंसिल नहीं होगी. कोहरे के मौसम में ट्रेनों के संचालन के लिए सुरक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे ने देश के उत्तरी भागों में कोहरे के दौरान ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.

लगाया जाएगा फॉग डिवाइस
लोकोमोटिव में फॉग उपकरणों के उपयोग से कोहरे/खराब मौसम की स्थिति के दौरान अधिकतम अनुमेय गति को 60 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है. कोहरे के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में चलने वाले सभी इंजनों में लोको पायलटों को विश्वसनीय फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं. रेलवे इस बात का ध्यान दे रहा है की डेटोनेटर लगाने और डेटोनेटर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. डेटोनेटर सिग्नल, जिन्हें डेटोनेटर या फॉग सिग्नल के रूप में जाना जाता है, ऐसे उपकरण हैं जो पटरियों पर लगे होते हैं और जब कोई इंजन उनके ऊपर से गुजरता है, तो वे चालक का ध्यान आकर्षित करने के लिए जोर से आवाज करते हैं.

सभी सिगनल साइटिंग बोर्ड, सीटी बोर्ड, फॉग सिगनल पोस्ट और व्यस्त संवेदनशील समपार फाटक, जो दुर्घटना संभावित हैं को पेंट किया गया है.  कोहरे के मौसम की शुरुआत से पहले उनकी उचित दृश्यता के लिए फिर से रंगाई का काम पूरा किया जा रहा है. व्यस्त लेवल क्रॉसिंग पर लिफ्टिंग बैरियर, जहां आवश्यक हो, पीले/काले चमकदार संकेत स्ट्रिप्स प्रदान किए जाएंगे.
 
कोहरे के मौसम में सुरक्षा जरूरी
नए मौजूदा सीटिंग कम लगेज रेक (एसएलआरएस) में पहले से ही एलईडी आधारित फ्लैशर टेल लाइट लगाई जा रही है, इसलिए, स्थिर लाल बत्तियों वाले मौजूदा एसएलआर को संशोधित किया जा रहा है. कोहरे के मौसम में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होगा. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि स्टॉप सिगनल की पहचान के लिए सिग्मा शेप में रेट्रो रिफ्लेक्टिव स्ट्रिप मौजूदा निर्देशों के अनुसार प्रदान की जाए.

वही रेलवे की तरफ से निर्देश दिए गए है कि कोहरे के मौसम में लोको पायलट सभी सावधानियों का पालन करें. कोहरे के दौरान, जब लोको पायलट अपने निर्णय में महसूस करता है कि कोहरे के कारण दृश्यता प्रतिबंधित है, तो वह उस गति से दौड़ेगा जिस पर वह ट्रेन को नियंत्रित कर सकता है ताकि किसी भी बाधा से पहले रुकने के लिए तैयार रहे. यह गति किसी भी स्थिति में 75 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी. असल में लेवल क्रॉसिंग पर आने वाली ट्रेन के गेटमैन और सड़क उपयोगकर्ताओं को चेतावनी देने के लिए लोको पायलट बार-बार सीटी बजाते हैं.