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अच्छे नंबरों के बावजूद नहीं मिल सका भारत में दाखिला तो भेजा यूक्रेन, बेटे को खोने के बाद अन्य भारतीयों को सुरक्षित लाने की की अपील

बताया जा रहा है कि नवीन अपने अपार्टमेंट से खाने-पीने की चीजें लेने के लिए निकले थे. क्योंकि उनके पास खाना खत्म हो रहा था. इसलिए नवीन सुपरमार्ट गए थे. और जब वह मार्ट की लाइन में लगे हुए थे तब रुसी सेना की तरफ से किए जा रहे हमले में उनकी जान चली गई. इस खबर के मिलने से न सिर्फ उनका अपना परिवार बल्कि पूरा देश हिल गया है.

A candlelight march to pay homage to Naveen Gyandagoudar (PTI) A candlelight march to pay homage to Naveen Gyandagoudar (PTI)
हाइलाइट्स
  • यूक्रेन में पढ़ रहे एक भारतीय छात्र की मौत

  • शोक में डूबे परिवार से पीएम मोदी ने की बात

मंगलवार को यूक्रेन से मिली एक खबर के बाद पूरा देश शोक में है. क्योंकि रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच एक मासूम भारतीय छात्र ने अपनी जान गंवा दी है. यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे कर्नाटक के एक छात्र नवीन शेखरप्पा की खारकीव में बमबारी के बीच मृत्यु हो गई है. 

बताया जा रहा है कि नवीन अपने अपार्टमेंट से खाने-पीने की चीजें लेने के लिए निकले थे. क्योंकि उनके पास खाना खत्म हो रहा था. इसलिए नवीन सुपरमार्ट गए थे. और जब वह मार्ट की लाइन में लगे हुए थे तब रुसी सेना की तरफ से किए जा रहे हमले में उनकी जान चली गई. 

इस खबर के मिलने से न सिर्फ उनका अपना परिवार बल्कि पूरा देश हिल गया है. जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं उन माता-पिता की चिंता बढ़ गई है. वहीं सरकार और प्रशासन भी इस घटना से सकते में है और सरकार ने रूस और यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी की मांग की है. 

अच्छे नंबरों के बावजूद नहीं मिला भारत में दाखिला: 

नवीन की मौत की खबर ने उनके परिवार को हिलाकर रख दिया है. उनकी मां विजयलक्ष्मी को संभालना मुश्किल है. क्योंकि अब उनका बेटा कभी नहीं लौटेगा. वहीं उनके पिता शेखरप्पा का कहना है कि उनका बेटा पढ़ाई में बहुत होशियार था. अच्छे नंबर आने के बावजूद उसे भारत में कहीं दाखिला नहीं मिला.

क्योंकि देश में सरकारी मेडिकल शीट बहुत कम हैं और निजी संस्थानों में फीस ज्यादा होने के साथ-साथ रिश्वत भी देनी पड़ती है. उनका कहना है कि भारत में महंगी मेडिकल शिक्षा और जातिवाद छात्रों को विदेश में जाकर पढ़ाई करने के लिए मजबूर करता है. 

अन्य भारतीयों को सुरक्षित लाएं वापस: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नवीन के पिता शेखरप्पा से बात करके शौक व्यक्त किया. उन्होंने पीएम मोदी सेनवीन के शव को भारत लाने की गुजारिश की है और पीएम ने उन्हें आश्वासन भी दिया है. इसी के साथ शेखरप्पा ने पीएम मोदी से अपील की कि देश में शिक्षा को सस्ता और बेहतर बनाया जाए.

क्योंकि उनका कहना है कि भारत की खराब शिक्षा व्यवस्था और जातिवाद आदि के कारण उनके बेटे को पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ा. वह देश की राजनीतिक, शिक्षण व्यवस्था और जातिवाद से उदास हैं. उनका कहना है कि जब देश में मेडिकल शिक्षा चंद लाख रुपये में मिल सकती है तो करोड़ों रुपये क्यों देने पड़ते हैं. 

साथ ही उन्होने विदेश मंत्रालय और सरकार से अपील की है कि अन्य भारतीयों को सुरक्षित अपने वतन वापस लाया जाए. वह अपना बेटा खो चुके हैं लेकिन नहीं चाहते कि कोई और इस दर्द से न गुजरे.