रक्षा में आत्मनिर्भर बन रहे हिंदुस्तान की सामरिक ताकत को नया मुकाम देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है. रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में कुल 70 हजार 500 करोड़ के रक्षा सौदों को हरी झंडी मिल गई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस बड़े सौदे पर मुहर लगी. भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्तान ने जमीन से लेकर आसमान तक अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए इस बड़े सौदे को अंजाम दिया है.
इस डील में भारतीय सेना को क्या मिलेगा
इस सौदे के तहत नौसेना के लिए 56 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. इससे नौसेना को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस किया जाएगा. नौसेना में 60 नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर शामिल होंगे. इन हेलिकॉप्टरों के लिए 32 हजार करोड़ की मंजूरी दी गई है. भारतीय सेना को 307 होवित्जर तोप मिलेगी. इंडियन कोस्ट गार्ड्स को 9 ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर की ताकत मिलेगी. इनके लिए 3800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में भारत को नई ताकत
यानी इस सौदे से समंदर से लेकर आसमान तक हिंदुस्तान का सुरक्षा कवच और मजबूत होगा. ब्रह्मोस मिसाइल जमीन से लेकर आसमान तक हवाई हमलों से देश को सुरक्षित रखती है. नौसेना को मिलने वाले नए यूटिलिटी हेलिकॉप्टर सुरक्षा के साथ साथ सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में भारत को नई ताकत देंगे.
वायुसेना को मिलेंगे आधुनिक हथियार
इस रक्षा सौदे के तहत वायुसेना को लंबी दूरी तक हमला करने वाला एक आधुनिक हथियार भी मिलेगा. इस नए हथियार को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया जाएगा. तैयार होने के बाद इसे वायुसेना के सुखोई 30 MKI फाइटर जेट्स पर तैनात किया जाएगा.
थल सेना को मिलेंगी नई तोपें
थल सेना को इस रक्षा सौदे से नई तोपें मिल जाएंगी. हिंदुस्तान की समुद्री सरहदों की रखवाली करने वाले इंडियन कोस्ट गार्ड्स को नए एडवांस लाइट हेलिकॉप्टरों का बेड़ा मिल जाएगा. ये नए हेलिकॉप्टर आधुनिक सर्विलांस सेंसर से लैस होंगे. इससे इनकी निगरानी की क्षमता पहले से कई गुना बढ़ जाएगी. ये हाईटेक हेलिकॉप्टर दिन के साथ रात के वक्त भी दुश्मनों की हर हरकत पर नजर रखेंगे.
70 हजार करोड़ का ये रक्षा सौदा मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है, क्योंकि इस सौदे के ज्यादातर हथियार देश में ही स्वदेशी तकनीक से तैयार किए जाएंगे.