

केरल के कोल्लम जिले में देश का पहला 24x7 ऑनलाइन कोर्ट शुरू हुआ है. 13 नवंबर 2024 को लॉन्च हुए इस पायलट प्रोजेक्ट का का नाम ‘24x7 ON Court’ रखा गया है. ये कोर्ट नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत चेक बाउंस मामलों से निपटेगी. प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से डिजिटल रखा गया है. इस पहल का औपचारिक उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी. आर. गवई ने 16 अगस्त 2024 को केरल हाई कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में किया था.
10% मामले चेक बाउंस के हैं
जस्टिस बी. आर. गवई ने अपने संबोधन में, ज्यूडिशियरी सिस्टम में टेक्नोलॉजी को लाकर मामलों को जल्दी निपटाने की बात कही. उद्घाटन समारोह में एक्टिंग चीफ जस्टिस ए. मुहम्मद मुस्ताक ने एक चौंकाने वाला तथ्य साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत में 10% लंबित मामले चेक बाउंस के हैं. जस्टिस मुस्ताक के मुताबिक ON Court पहल मामलों को जल्दी निपटाने में मदद करेगा.
आपको बता दें, केरल में कई डिजिटल प्रोग्राम भी शुरू किए गए हैं. इसमें डिजिटल लाइब्रेरी, मॉडल डिजिटल कोर्टरूम, और ऑनलाइन डिस्प्यूट रेजोल्यूशन सिस्टम जैसे कई प्रोजेक्ट भी शामिल हैं.
24x7 ON Court की विशेषताएं
24x7 ON Court का उद्देश्य एक पेपरलेस न्यायपालिका बनाना है. ये वकीलों और जजों को एक हाइब्रिड प्लेटफॉर्म देने का काम करेगी. इसकी कई विशेषताएं हैं:
1. किसी भी समय ई-फाइलिंग की सुविधा
वादकारी (Litigants) कभी भी अपने मामले दर्ज कर सकते हैं, डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं और ई-ट्रेजरी सिस्टम के माध्यम से कोर्ट की फीस का भुगतान कर सकते हैं. इससे आपको 24 घंटे का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पारंपरिक कोर्ट सिस्टम में जो मुश्किलें लोगों को आती हैं, उनसे जूझना नहीं पड़ेगा.
2. वर्चुअल सुनवाई
पक्षकार और उनके वकील व्यक्तिगत या ऑनलाइन दोनों तरीकों से सुनवाई में भाग ले सकते हैं. यह हाइब्रिड मॉडल उन लोगों को मदद करेगा जो समय, दूरी या दूसरी वजहों से कोर्ट में में उपस्थित नहीं हो सकते.
3. वकीलों के लिए स्मार्ट डिवाइस
यह प्लेटफ़ॉर्म वकीलों के लिए ऑटोमेटिक एरर करेक्शन, केस अपडेट और टाइम मैनेजमेंट जैसे स्मार्ट टूल्स देता है. वकील एप्लीकेशन फाइल कर सकते हैं, कार्यवाही का ट्रैक रख सकते हैं और दूर से ही सुनवाई में भाग ले सकते हैं.
4. बातचीत के लिए अच्छा सिस्टम
कोर्ट iCops जैसे इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का उपयोग करके अभियुक्तों और पुलिस स्टेशनों को तुरंत सम्मन जारी कर सकती है. इसके अलावा, पेमेंट सिस्टम को ई-ट्रेजरी सिस्टम के माध्यम से सुव्यवस्थित किया जा सकेगा.
5. पेपरलेस होगा
एडवांस कंप्यूटर और कैमरों वाला यह कोर्ट पूरी तरह से पेपरलेस होगा. इससे डिजिटल इंटरैक्शन आसानी से हो सकेगा.
वकीलों को दी जा रही ट्रेनिंग
इस डिजिटल सिस्टम को अपनाने के लिए, कोर्ट ने वकीलों के लिए ट्रेनिंग सेशन शुरू किए हैं ताकि वे प्लेटफॉर्म को समझ सकें. बता दें, केरल की 24x7 ON Court केवल एक पायलट प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि भविष्य में भारत की न्यायपालिका कैसी हो सकती है.
गौरतलब है कि भारत में लंबित मामलों की संख्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है. विशेष रूप से, चेक बाउंस के मामले सिस्टम को कहीं न कहीं ढीला करते हैं. डिजिटल कोर्ट को पूरी तरह से ऐसे मामलों को निपटाने से बाकि मामलों को तेजी से सुलझाया जा सकेगा.
साथ ही, ऑनलाइन मामलों की फाइलिंग, सुनवाई और फीस पेमेंट में भी आसानी होगी.