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Skyroot Rocket Launch: टल गई भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट Vikram-S की लॉन्चिंग डेट, जानिए क्या है नई तारीख?

भारत के निजी क्षेत्र की ओर से विकसित पहले रॉकेट ‘विक्रम-एस’का प्रक्षेपण कुछ दिनों के लिए टल गया है. पहले इसे 15 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब यह 18 नवंबर को लॉन्च किया जाएगा.

Vikram-S Rocket Vikram-S Rocket
हाइलाइट्स
  • स्काईरूट बनेगी पहली प्राइवेट कंपनी

  • पहले इसे 15 नवंबर को लॉन्च किया जाना था

हैदराबाद स्थित स्टार्टअप, स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace)ने भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट, विक्रम-एस के प्रक्षेपण में देरी की है. पहले इसे आज यानी 15 नवंबर को लॉन्च किया जाना था, लेकिन अब रॉकेट को 18 नवंबर, 2022 को लॉन्च किया जाएगा. खराब मौसम की वजह से लॉन्च में देरी हुई है.

खराब मौसम की वजह से टली डेट
रॉकेट की एक झलक देते हुए स्काईरूट एयरोस्पेस ने एक ट्वीट में जानकारी दी, "यह है वो! श्रीहरिकोटा में रॉकेट एकीकरण सुविधा में हमारे विक्रम-एस की एक झलक देखें, क्योंकि यह महत्वपूर्ण दिन के लिए तैयार है. 18 नवंबर को सुबह 11:30 बजे प्रक्षेपण के लिए मौसम अच्छा रहेगा."

इससे पहले कंपनी ने 13 नवंबर को 15 नवंबर की देरी की जानकारी दी थी और 15 से 19 नवंबर 2022 के बीच संशोधित विंडो की बात कही थी. कंपनी ने लिखा, “जबकि भारत का पहला निजी रॉकेट, विक्रम-एस, 15 से 19 नवंबर 2022 के बीच संशोधित विंडो के साथ श्रीहरिकोटा से लॉन्च करने के लिए तैयार है. स्काई रूट के एक प्रवक्ता ने कहा, “जिस प्रमुख क्षेत्र की हम बारीकी से निगरानी करेंगे, वह हमारे ठोस ईंधन वाले रॉकेट इंजन 'कलाम -1' का प्रदर्शन होगा."  चेन्नई स्थित एयरोस्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज भारत, अमेरिका, सिंगापुर और इंडोनेशिया के छात्रों द्वारा विकसित 2.5 किलोग्राम पेलोड ‘फन-सैट’ प्रक्षेपित करेगा.

किसने बनाया रॉकेट?
भारत का पहला निजी रॉकेट, विक्रम-एस, हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है. रॉकेट को एक उप-कक्षीय मिशन पर लॉन्च किया जाएगा, जिसका नाम प्रांभ है, जिसमें तीन पेलोड होंगे. स्काईरूट अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए इसरो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाला पहला स्टार्टअप था.

देश का पहला निजी प्रक्षेपण होने के अलावा, यह स्काईरूट एयरोस्पेस का पहला मिशन भी होगा, जिसका नाम 'प्रंभ' (Prarambh)होगा. अंतरिक्ष में कुल तीन पेलोड ले जाएगा. इनमें से दो भारतीय ग्राहक होंगे और एक विदेशी ग्राहक होगा. बयान में कहा गया है कि स्काईरूट का लक्ष्य किफायती, विश्वसनीय और सभी के लिए नियमित अंतरिक्ष उड़ान बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाकर किफायती उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं और अंतरिक्ष-उड़ान में प्रवेश बाधाओं को दूर करना है.

Vikram-S की खूबियां
2018 में स्थापित, स्काईरूट ने भारत के पहले निजी तौर पर विकसित क्रायोजेनिक, हाइपरगोलिक-लिक्विड और सॉलिड फ्यूल-आधारित रॉकेट इंजन का सफलतापूर्वक निर्माण और परीक्षण किया है, जिसमें उन्नत समग्र और 3 डी-प्रिंटिंग तकनीकों का उपयोग किया गया है.  Skyroot ने इस साल सितंबर में सीरीज-बी फाइनेंसिंग राउंड के जरिए सफलतापूर्वक 51 मिलियन डॉलर जुटाए थे. इसने पिछले साल जुलाई में सीरीज-ए कैपिटल रेज में 11 मिलियन डॉलर जुटाए थे.

स्काईरूट बनेगी पहली प्राइवेट कंपनी
मिशन के सफल प्रक्षेपण से स्काईरूट भारत से अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली पहली निजी अंतरिक्ष कंपनी बन जाएगी. यह भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा जिसे 2020 में खोला गया था. तब से, देश भारत से रॉकेट लॉन्च करने के लिए निजी अंतरिक्ष कंपनियों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देने के लिए स्काईरूट के लॉन्च वाहनों का नाम 'विक्रम' रखा गया है. स्काईरूट कंपनी इसरो के साथ अपने रॉकेट लॉन्च करने के लिए समझौता ज्ञापन में प्रवेश करने वाली पहली स्टार्टअप थी.

क्या है उद्देश्य?
भारत में निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने का अंतिम उद्देश्य प्रवेश बाधाओं को बाधित करके लागत प्रभावी उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना है. इससे इन कंपनियों को अपने मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और अंतरिक्ष उड़ानों को सभी के लिए किफायती, विश्वसनीय और नियमित बनाया जा सकेगा.