इंडिगो की 900 से ज्यादा यानी 50 प्रतिशत से ज्यादा डोमेस्टिक फ्लाइट्स शनिवार यानी दो जुलाई को देरी से चलीं, जिसकी वजह से इंडिगो के यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक दिन में इतनी उड़ानों में देरी की वजह से DGCA ने एयरलाइन से इसके पीछे की वजह पूछी, जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि. केबिन कू के कई मेंबर्स ने बीमार होने के कारण छुट्टी ले ली थी. ऐसे में फ्लाइट्स टेक ऑफ करने में काफी देरी हुई.
फ्लाइट्स में हुए देरी के बारे में पूछे जाने पर, एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए के चीफ अरुण कुमार ने बताया कि वह इस मामले को लेकर कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एयर इंडिया की रिक्रूटमेंट ड्राइव भी उसी दिन था. साथ ही इंडिगो के कई सारे केबिन क्रू ने एक साथ बीमारी के चलते छुट्टी ले ली थी.
केवल 45 प्रतिशत उड़ाने समय पर चलीं
बता दें कि, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो, लगभग 1,600 उड़ानें संचालित करती है, जिसमें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों शामिल हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, इंडिगो की केवल 45.2 प्रतिशत घरेलू उड़ानें शनिवार को समय पर संचालित हुईं.
इसकी तुलना में, शनिवार को एयर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट और एयरएशिया इंडिया का ऑन-टाइम प्रफोर्मेंस 77.1 प्रतिश, 80.4 प्रतिशत, 86.3 प्रतिशत, 88 प्रतिशत और 92.3 प्रतिशत था. दरअसल, इंडिगो के सीईओ रोंजॉय दत्ता ने 8 अप्रैल को कर्मचारियों को सैलेरी को लेकर ईमेल किया था.
इंडिगो ने पिछले महीने पायलटों को निलंबित किया था
वहीं, इंडिगो ने 4 अप्रैल को कुछ पायलटों को निलंबित कर दिया था, जो कोविड -19 महामारी के चरम के दौरान लागू किए गए वेतन कटौती के विरोध में हड़ताल करने की योजना बना रहे थे. पिछले साल 8 अक्टूबर को एयरलाइन के लिए सफलतापूर्वक बोली जीतने के बाद, टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया.
कोरोना के दौरान की थी 30 प्रतिशत वैतन कटौती
एयर इंडिया ने नए विमान खरीदने और अपनी सेवाओं में सुधार करने की योजना बनाई है, और हाल ही में इसने नए केबिन क्रू सदस्यों के लिए एक भर्ती अभियान शुरू किया है. कोरोना महामारी के चरम के दौरान, इंडिगो ने अपने पायलटों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी.
ये भी पढ़ें :