भारतीय समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय आइलैंड पर नए नौसैनिक बेस आईएनएस जटायु की कमीशनिंग 6 मार्च को करने जा रहा है. इस दौरान एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद रहेंगे. इस नौसैनिक बेस आईएनएस जटायु से समुद्री क्षेत्र मजबूत होगा. पाकिस्तान, मालदीव और चीन की हरकतों पर नजर रखी जा सकेगी. साथ ही सोमालियाई समुद्री लुटेरों पर भी एक्शन लेना ज्यादा आसान होगा.
समंदर में बढ़ेगी भारत की ताकत
नए नौसैनिक बेस के कमीशनिंग से समंदर में भारत की ताकत बढ़ेगी. मिनिकॉय में इस नौसैनिक बेस से मालदीव की दूरी सिर्फ 524 किलोमीटर है. असल में लक्षद्वीप और मिनिकॉय आइलैंड नौ डिग्री चैनल पर हैं, जहां से हर साल लाखों-करोड़ों डॉलर्स का कारोबार होता है. ये उत्तरी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच का रास्ता है.
मिनिकॉय में नौसैनिक बेस बनने से इस इलाके में चीन जैसे देशों की हरकतों पर नजर रखी जा सकेगी. जो व्यवसायिक जहाज सुएज कैनाल और पारस की खाड़ी की तरफ जाते हैं, उन्हें नौ डिग्री चैनल यानी लक्षद्वीप और मिनिकॉय वाले रूट से जाना होता है. ऐसे में मजबूत सुरक्षा और निगरानी दस्ता होना चाहिए, जो जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंहतोड़ जबाव दे सके.
INS बाज जैसा होगा INS जटायु
INS जटायु अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मौजूद नेवल बेस आईएनएस बाज जैसा ही होगा. यहां भी लड़ाकू विमानों और एयरक्राफ्ट को हैंडल किया जाएगा. मिनिकॉय में नेवल बेस होने से भारतीय समुद्री कारोबार भी सुरक्षित होगा और बुनियादी ढांचा भी मजबूत होगा. इस कदम से केरल के पश्चिम में 400 किलोमीटर दूर स्थित द्वीप श्रृंखला में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. INS जटायु पर MH-60 रोमियो हेलिकॉप्टर को भी तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही अगाट्टी द्वीप में भी हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा. इंडियन एयरफोर्स यहां से फाइटर जेट्स को संचालित करेगी.
उद्घाटन के दौरान दिखाई देगी नौसेना की ताकत
आईएनएस जटायु की कमीशनिंग के दौरान आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत भी मौजूद रहेंगे. जिनपर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस होने की भी उम्मीद है. नौसैनिक इस दौरान अपनी क्षमताओं और ताकत का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही सबमरीन और कैरियर बैटल ग्रुप का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इस नौसैनिक बेस के उद्घाटन करने के दौरान रक्षा मंत्री दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर की सवारी भी करेंगे. जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रमादित्य या विक्रांत पर सवार होकर मिनिकॉय द्वीप के लिए निकलेंगे, तब उनके साथ 15 और जंगी जहाज साथ में होंगे.
क्यों खास है INS जटायु?
हिंद महासागर में लक्षद्वीप के मिनकॉय द्वीप पर नेवल बेस आईएनएस जटायु बनकर तैयार है. यह समंदर में एक विमान वाहक पोत की तरह काम करेगा. कावारत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक के बाद आईएनएस जटायु लक्षद्वीप में दूसरा नेवल बेस है. आईएनएस जटायु पर सभी प्रकार के फाइटर जेट और विमानों हैंडल किए जाएंगे. इस नेवल बेस से भारत समुद्री डकैतों और मादक द्रव्यों की तस्करी पर भी रोक लगा सकेगा. इससे पश्चिमी अरब सागर में समुद्री सुरक्षा अभियानों को मजबूती मिलेगी. ये नेवल बेस समंदर में क्षेत्रीय स्थिरता और शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा. यह हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक चौकी के तौर पर काम करेगा.
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