scorecardresearch

INS Khukri को बनाया जाएगा अब म्यूजियम, देश के शहीदों की वीरता की कहानी कहता है ये जहाज

इस पूरे जहाज को एक म्यूजियम रूप में विकसित करने की योजना है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस भूमिका में भी, वह देश के लोगों को अपने आदर्श वाक्य और युद्ध के नारे ‘बल, सहस, जोश और दम, खुकरी नहीं किसी से कम' के लिए प्रेरित करेगा.

INS KHUKRI INS KHUKRI
हाइलाइट्स
  • 1989 में नौसेना में शामिल किया गया था

  • खुकरी को सौंपा जाएगा दीव प्रशासन को

हाल ही में भारतीय नेवी के आईएनएस खुकरी (INS Khukri) को 32 साल की शानदार सेवा के बाद रिटायर कर दिया गया है. नौसेना की ओर से विशाखापत्तनम में पारंपरिक तरीके से विदाई दी गई. अब भारत-पाक युद्ध के दौरान जहाज पर सवार चालक दल के सम्मान में इसे एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा. बता दें, राष्ट्र की सेवा के 32 से ज्यादा गौरवशाली सालों के बाद 23 दिसंबर, 2021 को एक समारोह में जहाज को सेवामुक्त कर दिया गया था.

1989 में नौसेना में शामिल किया गया था

गौरतलब है कि मिसाइल कार्वेट आईएनएस खुकरी 23 अगस्त, 1989 को नौसेना में शामिल हुआ था. इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने किया था. भारतीय नौसेना के इस जहाज ने अपनी सेवा के दौरान 6,44,897 समुद्री मील से ज्यादा की दूरी तय की. 

INS KHUKRI
INS KHUKRI

जहाज कभी नहीं मरता.....

ऐसा कहा जाता है कि जहाज कभी नहीं मरता, वह एक नए अवतार में फिर से जन्म लेता है. आईएनएस खुकरी नाम का ये नौसेना का दूसरा जहाज है, इससे पहला 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान दीव के तट पर खो गया था. दिवंगत कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला (एमवीसी) उस जहाज के बहादुर चालक दल को लीड कर रहे थे. खुकरी मेमोरियल के रूप में पुराने जहाज का एक छोटा मॉडल प्रदर्शित किया गया है.

खुकरी को सौंपा जाएगा दीव प्रशासन को 

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "दिवंगत कैप्टन महेंद्र नाथ मुल्ला (एमवीसी) के नेतृत्व में उस जहाज के बहादुर चालक दल को खुकरी मेमोरियल के रूप में अमर कर दिया गया है. वहां उनके पुराने जहाज का छोटा मॉडल भव्यता के साथ प्रदर्शित किया गया है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, खुकरी मेमोरियल में आयोजित होने वाले एक औपचारिक कार्यक्रम में इसे दीव प्रशासन को सौंप दिया जाएगा.  इस पूरे जहाज को एक म्यूजियम रूप में विकसित करने की योजना है. इस भूमिका में भी, वह देश के लोगों को अपने आदर्श वाक्य और युद्ध के नारे ‘बल, सहस, जोश और दम, खुकरी नहीं किसी से कम' के लिए प्रेरित करेगा.  

(इनपुट- अभिषेक भल्ला)

ये भी पढ़ें