32 सालों तक जिसने समंदर की लहरों पर राज किया. शौर्य और पराक्रम की मिसाल बना रहा. देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में डटा रहा. दुश्मनों के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने में तत्पर रहा. जिसने पूर्वी और पश्चिमी तटों पर विदेशी नौसैनिक जहाजों को नेस्तनाबूद किया. शक्तिशाली और अचूक मिसाइलों से लैस ये युद्धपोत, आईएनएस निशंक और आईएनएस अक्षय, अब अपनी सेवा के आखिरी पड़ाव पर हैं. 32 सालों से दुश्मनों को भारतीय नौसेना की ताकत का एहसास कराने वाले इन युद्धपोतों की अब समंदर की लहरों से विदाई हो रही है.
3 जून को भारतीय नौसेना के ये दोनों युद्धपोत आईएनएस निशंक और आईएनएस अक्षय को मुंबई के नौसैनिक डॉकयार्ड पर सेवामुक्त कर दिया जाएगा. इसके साथ ही 32 सालों का इनका गौरवशाली कार्यकाल खत्म हो जाएगा. तो चलिए आज आपको इस दोनों युद्धपोतों के बारे में बताते हैं.
आईएनएस निशंक की खासियत
आईएनएस निशंक को 12 सितंबर 1989 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. ये वीर क्लास कॉर्वेट शिप है. इसकी लंबाई 184 फीट है. चौड़ाई 8.2 फीट है. इसका बीम 34 फीट का है. इसकी रफ्तार 59 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसमें 4 पी-15 टर्मिट मिसाइल लगी थीं. इसके अलावा 16 केएच-35 उरान मिसाइलें लगी थी. एक एसए-एन-5 ग्रेल लॉन्चर था. 60 कैलिबर की तोप लगी थी. इसके अलावा 30 एमएम की दो एके-630 मशीन गन लगी थी.
कारगिल युद्ध के वक्त बैकअप थे ये युद्धपोत
आईएनएस निशंक आईएनएस अक्षय ने कई नौसैनिक ऑपरेशन में भाग लिया. इसमें कारगिल युद्ध के समय किया गया ऑपरेशन तलवार भी शामिल हैं. संसद पर हमला करने के बाद किए गए ऑपरेशन पराक्रम में भी दोनों युद्धपोतों ने भाग लिया था.
आईएनएस अक्षय की खासियत
आईएनएस अक्षय को 10 सितंबर 1990 को नौसेना में शामिल किया गया था. यह अभय क्लास कॉर्वेट युद्धपोत है. यह 183.7 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है. इसका बीम 33 फीट ऊंचा है. समंदर में इस युद्धपोत की रफ्तार 52 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इसमें 1 क्वाड सरफेस टू एयर मिसाइल लगी थी. स्ट्रेला-2एम, 1 एके-76 मशीन गन, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स लगी थी. इसके अलावा एंटी-सबमरीन ट्यूब्स से भी ये युद्धपोत लैस था.
पश्चिमी नौसैनिक कमांड ने ट्वीट कर दी जानकारी
इन दोनों युद्धपोत के रिटायरमेंट की जानकारी पश्चिमी नौसैनिक कमांड ने ट्वीट कर दी है. लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी आईएनएस निशंक और आईएनएस अक्षय भारतीय नौसेना में 32 सालों के अपने गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता रहेगा. आने वाली पीढ़ियों को देश की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा.