अब समुद्र में दुश्मनों की खैर नहीं है. जी हां, भारतीय नौसेना को स्वदेशी 'शार्क' मिल गई है, जो समुद्र के खतरों से चुटकियों में लड़ेगी. नौसेना के बेड़े में शनिवार को आईएनएस संधायक को शामिल किया गया. यह एक ऐसा जंगी जहाज है, जो समंदर के खतरों से लड़ने में माहिर है. इस पर बोफोर्स गन लगी है. यह चेतक हेलीकॉप्टर से लैस है.
हम बन गए हैं पहले जवाब देने वाले
पोत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार मौजूद रहे. रक्षा मंत्री ने कहा, यदि मैं अपनी नौसैनिक ताकत की बात करूं, तो भारतीय नौसेना इतनी मजबूत हो गई है कि हिंद महासागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के मामले में हम पहले जवाब देने वाले बन गए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि महासागर में समुद्री लुटेरों का खतरा बना रहता है. हमें लुटेरे बर्दाश्त नहीं है. यह न्यू इंडिया का संकल्प है.
नौसेना प्रमुख ने कहा, हम सभी जानते हैं कि समुद्र में मानचित्र या चार्ट कितना महत्वपूर्ण है. गूगल मानचित्र या सिरी जैसा कोई मोबाइल एप्लिकेशन नहीं है, जो हमें हमारे गंतव्य तक ले जाएगा. इसलिए हमें संधायक जैसे सर्वेक्षण जहाजों की ओर से बनाए गए चार्ट और मानचित्रों की आवश्यकता है, जो केवल नौसेना के जहाजों के लिए ही नहीं, बल्कि वाणिज्यिक जहाजों के लिए भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए रास्ते को संभव और आसान बनाते हैं.
भारत में बनने वाला 34वां पोत है संधायक
कोलकाता के मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में चार बड़े सर्वेक्षण पोत निर्माणाधीन हैं. आईएनएस संधायक उनमें पहला है. आईएनएस संधायक का बंदरगाह और समुद्र दोनों में परीक्षण किया गया था. इसके बाद चार दिसंबर 2023 को इसे नेवी डे के मौके पर नौसेना को सौंप दिया गया था. 3 फरवरी 2024 को यह कमीशन हुआ. संधायक भारत में बनने वाला 34वां पोत है.
अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है आईएनस संधायक
1. आईएनएस संधायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस है. इसका मुख्य काम सर्वे और नेविगेशन को बेहतर बनाना है.
2. यह जहाज बोफोर्स गन से लैस है. इसपर चेतक हेलीकॉप्टर की तैनाती की गई है.
3. आईएनएस संधायक में गहरे पानी के मल्टीबीम इको-साउंडर्स, पानी के नीचे चलने वाले वाहन, दूर से संचालित होने वाले वाहन, उपग्रह आधारित पॉजिशनिंग प्रणाली शामिल हैं.
4. आईएनएस संधायक दो डीजल इंजनों से चलता है. इसकी स्पीड 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
5. आईएनएस संधायक की रेंज 11 हजार किलोमीटर है. इसकी बीम 42 फीट ऊंची है.
6. आईएनएस संधायक की लंबाई 288.1 फीट है, वजन 3400 टन है.
7. आईएनएस संधायक 80 फीसदी स्वदेशी है. इसपर 18 अधिकारी और 160 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं.
8. आईएनएस संधायक नौसेना के कई मिशन में अहम भूमिका निभाएगा.
9. यह समुद्र में जासूसी करने वाले चीन और पाकिस्तान के जहाजों को जवाब देगा.
10. यह भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे 4 सर्वे जहाजों की श्रेणी का पहला जहाज है.
11. संधायक के आने से समुद्र सुरक्षा को लेकर भारत की क्षमता काफी ज्यादा मजबूत हो गई है.
ऐसा है संधायक का इतिहास
आईएनएस संधायक इसी नाम के एक अन्य पोत का विकसित रूप है, जो एक एक सर्वेक्षण जहाज था. उस जहाज को 1981 में नौसेना में शामिल किया गया. इस दौरान संधायक ने भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी और पूर्वी तटों, अंडमान सागर, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में 200 से अधिक हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण किए थे. जहाज ने कई महत्वपूर्ण अभियानों में भी अहम भूमिका निभाई थी. इनमें 1987 में श्रीलंका में ऑपरेशन पवन और 2004 में सुनामी के बाद मानवीय सहायता के लिए ऑपरेशन रेनबो शामिल है. साल 2021 में उसे सेवामुक्त कर दिया गया था.