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दिल्ली मेट्रो फेज 4 के हर चौथे स्टेशन पर इंटरचेंज, दूरियां कम होने के साथ ही बचेगा यात्रा का समय

दिल्ली मेट्रो का फेज 4 (Delhi Metro Phase four)राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नए आवास इलाकों के लिए दिल्ली मेट्रो नेटवर्क (Delhi Metro Network)का विस्तार है. इसमें हर चौथे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी.

दिल्ली और एनसीआर में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी देने की योजना दिल्ली और एनसीआर में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी देने की योजना
हाइलाइट्स
  • दिल्ली और एनसीआर में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी देने की योजना

  • दिल्ली मेट्रो फेज 4 परियोजना 2024 तक पूरे होने की उम्मीद

दिल्ली मेट्रो फेज 4 (Delhi Metro Phase four) के तहत दिल्ली और एनसीआर में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी देने की योजना बनाई गई है. इस योजना के पूरे होने की समय सीमा 2022 यानी इसी साल है. बताया जा रहा है कि इसमें हर चौथे स्टेशन पर इंटरचेंज की सुविधा होगी, जिससे यात्रियों की दूरियां कम होने के साथ ही उनका समय बचेगा. 

इस परियोजना पर 2017 में काम शुरू होने की उम्मीद थी. हालांकि, इसे 30 दिसंबर, 2019 को शुरू किया गया. 104 किलोमीटर लंबे दिल्ली मेट्रो फेज 4 नेटवर्क का काम पूरा होने पर प्रतिदिन 1.5 मिलियन लोगों के यात्रा करने की उम्मीद है. 

परियोजना में तीन कॉरिडोर शामिल 

दिल्ली मेट्रो फेज 4 परियोजना में 65.4 किलोमीटर के तीन कॉरिडोर शामिल हैं, मौजपुर से मजलिस पार्क, जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और तुगलकाबाद से एरोसिटी तक. इसकी कुल लंबाई लगभग 65 किलोमीटर है.  इसपर कुल 46 मेट्रो स्टेशन होंगे, जिसपर 12 नए इंटरचेंज स्टेशन भी बनेंगे. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. 

दिल्ली मेट्रो फेज 4 क्या है?

दिल्ली मेट्रो का फेज 4 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नए आवास इलाकों के लिए दिल्ली मेट्रो नेटवर्क का विस्तार है. मार्च 2019 में भारत सरकार ने परियोजना के हिस्से के रूप में तीन मार्गों को मंजूरी दी थी, जिसमें तुगलकाबाद से एरोसिटी, जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और मौजपुर से मुकुंदपुर शामिल थे. 

दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2018 में दिल्ली मेट्रो के फेज 4 को मंजूरी दे दी थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में छह गलियारों को मंजूरी दी गई थी. इसके बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 मार्च, 2019 को दिल्ली मेट्रो के फेज 4 के छह गलियारों में से तीन 'प्राथमिकता वाले गलियारों' को मंजूरी दी. 

  • परियोजना में शामिल तीन कॉरिडोर की लंबाई: 61.679 किमी रुपये 
  • तीन कॉरिडोर की अनुमानित परियोजना लागत: 24,948.65 करोड़ रुपये 
  • छह कॉरिडोर की कुल लंबाई: 103.93 किमी
  • कुल अनुमानित परियोजना लागत: 45,000 करोड़ रुपये
  • अपेक्षित सवारियां: प्रति दिन 1.5 मिलियन यात्री
  • कब पूरी होगी परियोजना : दिसंबर, 2024

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