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Budget 2024: बजट में महिलाओं के लिए ऐलान, आशा वर्करों को भी मिलेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ, 3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनेंगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार, 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश किया. यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है. बजट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि गरीब, महिला, युवा और किसान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं. इसके मद्देनजर सरकार ने महिलाओं के लिए अहम ऐलान किए हैं...

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हाइलाइट्स
  • बजट में महिलाओं-बच्चों पर ध्यान

  • हुए ये बड़े ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार, 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश किया. यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है. बजट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि गरीब, महिला, युवा और किसान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के विकास पर खास ध्यान दे रही है. इसके मद्देनजर सरकार ने महिलाओं के लिए अहम ऐलान किए हैं...

3 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनेंगी
9 करोड़ महिलाओं के साथ 83 लाख स्वयं सहायता समूह ग्रामीण परिदृश्य को बदल रहे हैं. 'लखपति दीदी' का लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया जाएगा. लखपति दीदी योजना महिलाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है, जो देश की इन दीदी को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाया जाता है. 

9-14 साल की लड़कियों का होगा टीकाकरण
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद महिलाएं सबसे अधिक सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित होती हैं. इसलिए सरकार सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन पर खास ध्यान दे रही है. 9-14 साल की लड़कियों के टीकाकरण पर ध्यान दिया जाएगा. इस उम्र में वैक्सीन लगने से लड़कियों में सर्वाइकल कैंसर होने का रिस्क 90% तक कम हो जाता है. व्यापक टीकाकरण के जरिए देश में सर्विकल कैंसर के मामलों और मौतों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. मातृ और शिशु देखरेख की योजनाओं को व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत लाया जाएगा. आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा.

आशा वर्करों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा. इससे उनके परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा. बता दें, आशा वर्कर्स गांव की प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होती हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत इन आशा वर्कर्स को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. आशा खास तौर पर विवाहित, विधवा या समुदाय के भीतर से 25 से 45 वर्ष की आयु के बीच की तलाकशुदा महिलाएं होती हैं. देश भर में लगभग 10.4 लाख आशा कार्यकर्ता हैं.

नारी शक्ति के लिए मोदी सरकार ने गिनाए अपने काम

  • 30 करोड़ मुद्रा योजना लोन महिला उद्यमियों को दिए गए.

  • 10 सालों में महिला शिक्षा में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

  • एसटीईएम पाठ्यक्रम में 43 प्रतिशत महिलाओं का नामांकन हुआ.

  • 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनीं.