अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से भारत पर काफी असर पड़ा है. दुनियाभर में वैश्विक ऊर्जा कीमतों को कम करने के लिए कच्चे तेल के भंडार (Crude Oil stock) को जारी करने पर विचार किया जा रहा है. भारत और जापान मिलकर अमेरिका और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ से कच्चे तेल के राष्ट्रीय भंडार (National reserves of crude oil) को जारी करने के तरीकों पर काम कर रहे है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी घोषणा जल्द ही की जा सकती है. हालांकि, व्हाइट हाउस और अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि रिलीज को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है.
यूएस ने कहा- देश करें कच्चे तेल के भंडार जारी
आपको बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले साल होने वाले इलेक्शन से पहले चीन, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान से कच्चे तेल के भंडार को जारी करने के लिए कहा है. बाइडेन सरकार ने OPEC (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) और रूस सहित अन्य निर्माताओं, जिन्हें सामूहिक रूप से OPEC+ के रूप में जाना जाता है, से तेल वृद्धि करने के लिए कहा है. ये सभी देश हर महीने लगभग 400,000 बैरल तेल बाजार में देते हैं.
हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि OPEC+ बाजार में कितना तेल जारी करने वाले हैं. सिटीग्रुप के विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार, यह 100 से 120 मिलियन बैरल तक आ सकता है.
रॉयटर्स के मुताबिक, भारत सरकार के तीन सूत्रों ने सोमवार को कहा है कि वे स्ट्रेटेजिक रिज़र्व से तेल छोड़ने पर अमेरिका के साथ परामर्श कर रहे हैं.
क्या है स्ट्रेटेजिक रिज़र्व और कब होता है इसका इस्तेमाल?
दरअसल, दुनिया के कई देश इमरजेंसी के समय के लिए अपने पास तेल का स्टॉक रखते हैं. इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के अनुसार, देश में 3 स्थानों पर ये स्ट्रेटेजिक ऑयल (Strategic Oil) रखने की व्यवस्था है. जिन्हे हम तेल की गुफाएं कहते हैं. इन गुफाओं में कच्चा तेल रखा जाता है ताकि जरूरत के समय में इसका इस्तेमाल किया जा सके.
भारत की गुफाओं में रखा जा सकता है 53.3 लाख टन कच्चा तेल
देश में मौजूद तीन तेल गुफाओं में 53.3 लाख टन कच्चा तेल रखा जा सकता है. ये गुफाएं विशाखापत्तनम, कर्नाटक मंगलुरु में हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा जारी फरवरी की रिपोर्ट के अनुसार, विशाखापत्तनम में मौजूद गुफा में 13.3 लाख टन कच्चा तेल भरा हुआ है, वहीं मेंगलुरु की गुफा के लिए 15 लाख टन कच्चे तेल की डील फाइनल हुई है.
मंत्रालय के अनुसार, देश में तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के पास कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के लिए 64.5 दिनों के लिए भंडारण की सुविधा है, वहीं, कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के भंडारण की कुल राष्ट्रीय क्षमता वर्तमान में 74 दिन है.