दुनिया भर में ऐसे लोग हैं, जिनके दिन की शुरुआत ही चाय की चुस्कियों से होती है. कई लोगों के लिए दिन की शुरुआत ही तब होती है, जब उनको पहली चाय मिलती है. चाय पीने वालों में सबसे ज्यादा लोग भारत से हैं. यहां के लोगों का चाय के बिना गुजारा हो पाना मुश्किल है, तो चलिए बताते हैं आपको क्या रहा है चाय का इतिहास. आज हम चाय की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज के ही दिन यानी 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day ) मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का मकसद चाय श्रमिकों की सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों, निष्पक्ष व्यापार और चाय के उत्पादन में सुधार को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही जो लोग चाय के दीवाने हैं, जिन्हें चाय बेहद पसंद है वह अपनों के साथ इसे सेलिब्रेट भी कर सकते हैं. चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं क्या रहा है चाय का इतिहास.
क्या है चाय का इतिहास
चाय का इतिहास 750 ईसा पूर्व जितना पुराना है. चाय का इस्तेमाल सबसे पहले बौद्ध भिक्षुओँ ने औषधी के रुप में किया था. एक कहानी के अनुसार भिक्षु जैन जब चिंतन में थे इसी दौरान उन्हें नींद आने लगी और नींद से बचने के लिए भिक्षु ने बुश की पत्तियों को चबाना शुरु किया इन पत्तियों को चबाने से उन्हें नींद नहीं आई, इसी के बाद बशु की पत्तियों को चाय का नाम दिया गया और इसका इस्तेमाल नींद भगाने के लिए किया जाने लगा.
वहीं, भारतीय चाय बोर्ड ने इस दिन की योजना इस उम्मीद के साथ बनाई थी कि यह संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के लिए एक आधिकारिक अवकाश बन जाएगा. 2007 में टी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में उत्पादित कुल चाय का लगभग 70 प्रतिशत घरेलू आबादी द्वारा उपभोग किया जाता है.
कैसे मनाएं अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस
अगर आपके किसी चाहने वाले को चाय का शौक है, तो आज के दिन आप उन्हें किसी अच्छी जगह चाय पर ले जा सकते हैं. या अगर आप इसे घर पर ही सेलिब्रेट करना चाहते हैं, तो आप घर पर ही रहकर, चाय के शौकिनों को चाय पिला सकते हैं और अगर आप दूर रहते हैं तो उन्हें मैसेज में चाय का इमोजी लगाकर विश कर सकते हैं. वैसे डिजिटल दुनिया के इस दौर में आप आसानी से उनके लिए ऑनलाइन चाय भी ऑर्डर कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें :