विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों को अब अपनी सारी जानकारी विमान कंपनियों को देनी होगी. विमान कंपनी ये जानकारी कस्टम विभाग को देगा. सरकार ने विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू होने से 24 घंटे पहले सभी यात्रियों की पीएनआर जानकारी कस्टम अधिकारियों के साथ शेयर करने का निर्देश दिया है. ऐसा न होने पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. अब तक भारत आने वाले यात्रियों को अपने कोविड -19 वैक्सीन प्रमाणपत्र या आरटी-पीसीआर का रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करना पड़ता था.
कौन ट्रैक करेगा
यात्रियों की ट्रैकिंग केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के तहत नेशनल कस्टम टारगेटिंग सेंटर-पैसेंजर द्वारा की जाएगी.
क्यों पड़ी इसकी जरूरत
सरकार ने पैसेंजर नेम रिकॉर्ड रेगुलशन 2022 की अधिसूचना इसी हफ्ते जारी की थी. इसका मकसद नार्कोटिक्स और अन्य प्रकार की तस्करी को रोकना है. अगर एजेंसियों के पास यात्रियों के प्रस्थान की जानकारी 24 घंटे पहले होगी तो किसी तरह के जोखिम का पता चलने पर कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त समय होगा. इससे देश में अपराध कर विदेश भागने वाले अपराधियों पर लगाम लगेगी.
ये डिटेल्स करनी होगी साझा
यात्रियों का पीएनआर विवरण कस्टम अधिकारियों के साथ साझा करना होगा. इसमें नाम, ईमेल आई डी, ट्रैवल एजेंसी का विवरण, फोन नंबर, भुगतान का विवरण, बैगेज इंफॉरमेशन और कोड शेयर इंफॉर्मेशन जैसी डिटेल्स होंगी.
इससे पहले देश में ऐसा होता था?
इससे पहले भारत में इस तरह के नियम नहीं थे. इससे पहले विमान कंपनियां इमिग्रेशन अथॉरिटीज को केवल यात्रियों के नाम, राष्ट्रीयता और पासपोर्ट डिटेल साझा करनी थी. इस नए नियम के बाद भारत उन 60 देशों में शामिल हो गया है जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का पीएनआर विवरण अपने पास रखते हैं.