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New Rules: कोई आपको '420' कहे तो बुरा मत मानिएगा, अब जालसाज को '316' कहा जाएगा, मर्डर के लिए दफा 101, जानें किस जुर्म में कौन सी लगेगी धारा

IPC-CRPC New Rules: गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल लोकसभा में पेश किया है. इस बिल में IPC और CrPC की कई धाराओं को बदलने का प्रस्ताव रखा गया है. आइए जानते हैं किस जुर्म में कौन सी धारा लगेगी.

गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए तीन बिल गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए तीन बिल
हाइलाइट्स
  • गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शुक्रवार को पेश किए तीन बिल

  • धारा 302 को बदलकर 101 किया जाने का प्रस्ताव 

यदि अब आपको कोई '420' कहकर पुकारे तो बुरा मत मानिएगा और न ही किसी जालसाज को आप '420' बोलिएगा. जी हां, मोदी सरकार अब 163 सालों से चले आ रहे अंग्रेजों के कानून को बदलने जा रही है. अब धोखाधड़ी की धारा-420 को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 316 के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा. मर्डर के लिए 302 की जगह दफा 101 का प्रयोग किया जाएगा.

राजकपूर ने बनाई थी फिल्म श्री 420
सालों से '420' को एक मुहावरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. जब भी कोई किसी को धोखा देता है ठगी करता है तो उसे 420 कहा जाता है. किताबों, उपन्यासों से लेकर तमाम फिल्मों और भाषणों में भी इस शब्द का इस्तेमाल होता आ रहा है. इस शब्द पर राजकपूर की फिल्म श्री 420 भी आई थी. लेकिन अब जालसाज को 420 नहीं कहा जाएगा.

गृहमंत्री ने पेश किए तीन बिल
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में शुक्रवार को तीन बिल पेश किए, जिसमें कानूनों की नई परिभाषा तय की गई है. गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल पेश किया है. इस बिल में IPC और CrPC की कई धाराओं को बदलने का प्रस्ताव रखा गया है. इस बिल में आपराधिक दंड संहिता में आमूलचूल परिवर्तन होगा. अब IPC को भारतीय न्याय संहिता कहा जाएगा. इसके अलावा धारा 420, 302 और 144 जैसी धाराओं को भी बदला जाएगा. हत्या की धारा 302 को बदलकर धारा 101 किया जाने का प्रस्ताव रखा गया है. धारा 144 को बदलकर 187 किया जाएगा.

अब कितनी होंगी धाराएं
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, जो CrPC को रिप्लेस करेगी, में अब 533 धाराएं रहेंगी, 160 धाराओं को बदल दिया गया है , 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 9 धाराओं को निरस्त किया गया है. भारतीय न्याय संहिता, जो IPC को रिप्लेस करेगी, में पहले की 511 धाराओं के स्थान पर अब 356 धाराएं होंगी, 175 धाराओं में बदलाव किया गया है, 8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं और 22 धाराओं को निरस्त किया गया है. भारतीय साक्ष्य विधेयक, जो Evidence Act को रिप्लेस करेगा, में पहले की 167 के स्थान पर अब 170 धाराएं होंगी, 23 धाराओं में बदलाव किया गया है, 1 नई धारा जोड़ी गई है और 5 धाराएं निरस्त की गई हैं.

किस जुर्म में कौन सी धारा
1. पहले हत्या के लिए धारा 302 का इस्तेमाल किया जाता था, अब उसकी जगह 101 दफा लगेगा.
2. पहले जालसाजी के मामले में धारा 420 का प्रयोग होता था, अब धारा 316 लगेगी.
3. भीड़भाड़ और हंगामा करने पर धारा 144 की जगह, अब धारा 187 का इस्तेमाल किया जाएगा.
4. देश के खिलाफ षडयंत्र में धारा 121 की जगह, धारा-145 लगाई जाएगी. 
5. देश के खिलाफ गतिविधियों में धारा 121ए की जगह, धारा-146 लगेगी.
6. मानहानि की धारा 499 की जगह, धारा 354 का इस्तेमाल होगा. 
7. राजद्रोह कानून धारा 124 ए  की जगह, अब धारा-150 लगेगी.
8. रेप के मामले में पहले धारा 376 लगती थी, अब धारा 63 में रेप, 64 में सजा, गैंगरेप धारा 70 में लगेगी.

न्याय संहिता में होगा चित्रों का इस्तेमाल
भारतीय न्याय संहिता में चित्रों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे संबंधित नियमों को समझाने में मदद मिलेगी. इससे ये पता चलेगा कि मानहानि जैसे अपराधों से संबंधित प्रावधानों का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए. हाल ही में लागू डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में सरकार ने इसी मॉडल का पालन किया था. इसके अलावा नियमों को फिर से अपडेट किया गया है. नई न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध जैसे कुछ विशेष कानूनों पर भी फोकस किया गया है.

डिजिटल FIR दर्ज करा पाएंगे लोग
भारतीय न्याय संहिता में टेक्नोलॉजी के माध्यम से नागरिकों के जीवन को आसान बनाने की कोशिश की गई है. इलेक्ट्रॉनिक एफआईआर दर्ज कराने से लेकर जीरो एफआईआर को डिजिटल किया जा सकेगा. अपराध चाहे उस थाना क्षेत्र के भीतर या फिर बाहर हुआ, लोग डिजिटल FIR दर्ज करा पाएंगे. एफआईआर के 90 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से चार्जशीट दाखिल की जाएगी. न्यायालय ऐसे समय को 90 दिनों के लिए और बढ़ा सकता है, जिससे जांच को समाप्त करने की कुल अधिकतम अवधि 180 दिन हो जाएगी.